Nsui Ritu Barala Biography, Ritu Barala Village Name, Ritu Barala fath | आखिर कौन है किसान परिवार में जन्मी रितु बराला, जिसने मंत्री की बेटी का टिकट कटवा दिया
टिकट कटने से नाराज निहारिका जोरवाल ने बागी तेवर दिखते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है। NSUI के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी का कहना है कि छात्रों की मांग के आधार पर ही रितु बराला को टिकट दिया गया है । मुझे उम्मीद ही नहीं पूरा विश्वास है कि छात्र रितु बराला को भारी वोटों से जीत दिलाएंगे।
शेखावाटी से ताल्लुक है रितु बराला का
रितु बराला राजस्थान के झुंझुनू जिले की रहने वाली है। इनका जन्म किसान परिवार में हुआ है तथा इनका राजनीति के प्रति लगाव शुरू से ही रहा है। रितु बराला ने वर्ष 2018 में महारानी कॉलेज से अध्यक्ष पद हेतु नामांकन किया था और जीत भी हासिल की थी। महारानी कॉलेज की अध्यक्ष बनने के बाद से ही लगातार रितु बराला छात्र राजनीति में सक्रिय थी जिसके परिणाम स्वरूप की एनएसयूआई ने रितु बराला को इस बार राजस्थान में होने वाले छात्र संघ चुनाव में राजस्थान विश्वविद्यालय से अपना प्रत्याशी बनाया है। महारानी कॉलेज जयपुर की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रही रितु बराला की महारानी कॉलेज के साथ-साथ राजस्थान विश्वविद्यालय की अन्य संगठन महाविद्यालयों में भी मजबूत पकड़ है। इसी वजह से रितु बराला टिकट की रेस में निहारिका जोरवाल से आगे निकल गई ।
खेती-बाड़ी करते हैं रितु बराला के पिता महेंद्रसिंह बराला
साधारण परिवार में जन्मीं रितु बराला झुंझुनूं जिले के अरड़ावता ग्राम पंचायत के बारी का बास गांव की निवासी है। जाट परिवार से ताल्लुक रखने वाली रितु ने प्रारंभिक शिक्षा चिड़ावा की डालमिया बालिका विद्यालय से हासिल की, जिसके बाद रितु उच्च शिक्षा के लिए महारानी कॉलेज, जयपुर चली गई। 22 वर्षीय रितु फिलहाल राजस्थान यूनिवर्सिटी से सोशियोलॉजी (सैकंड सेमेस्टर) से पीजी कर रही हैं। वे पांच साल से एनएसयूआई की सक्रिय कार्यकर्ता रही हैं। रितु के पिता महेंद्रसिंह बराला खेती-बाड़ी तथा मां अनिता देवी गृहणी हैं। उनका छोटा भाई राहुल भी जयपुर रहकर कॉलेज की पढ़ाई कर रहा है। बारी का बास में रितु को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद ख़ुशी की लहर दौड़ गई है । रितु बराला उनके परिवार से राजनीति में आने वाली पहली सदस्य है । रितु बराला इंटरनेशनल स्तर की ताइक्वांडो प्लेयर भी हैं ।
इसलिए मिला रितु बराला को टिकट
रितु बराला के नाम पर ही क्यों मुहर लगी । इस पर एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी का कहना है कि हमने रितु बराला को इसलिए चुना है क्योंकि वह हमेशा छात्रों का साथ देने के लिए तैयार रहती है। कोरोना महामारी के दौरान जब कोई अपने घर से बाहर नहीं आना चाहता था। रितु बराला दिन हो या रात छात्रों की मदद करने के लिए सड़कों पर निकली थी। ऐसी महिलाओं को ही आगे आकर देश की राजनीति की दिशा बदलने की जरूरत है, तभी महिला सशक्तिकरण संभव है।
– छात्रों की मांग पर टिकट दिया है। बराला किसान की बेटी है। हम एनएसयूआइ परिवार के हर सदस्य का सम्मान करते हैं। नाराज हैं, उनको मनाएंगे। अभिषेक चौधरी, प्रदेशाध्यक्ष, एनएसयूआइ
– सर्वसमाज के विद्यार्थियों के साथ चुनाव मैदान में उतरी हूं। विश्वविद्यालय में महिला सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। छात्र हित में लड़ाई लडूंगी।
रितु बराला, अध्यक्ष पद प्रत्याशी, एनएसयूआइ