राजस्थान वेदर अपडेट: कोहरा और शीतलहर से कांपा राजस्थान, फतेहपुर सबसे ठंडा; जानें जयपुर और सीकर का मौसम अपडेट

राजस्थान वेदर अपडेट: राजस्थान में बीते 24 घंटों के दौरान मौसम शुष्क बना रहा. राज्य में अधिकतम तापमान बाड़मेर में 30.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान सीकर के फतेहपुर में 4.4 डिग्री रहा. अधिकांश हिस्सों में ठंड का असर महसूस हुआ, खासकर उत्तरी और पश्चिमी जिलों में ठंड का अधिक असर रहा. मौसम विभाग के अनुसार, एक नया टिमी सिस्टम राजस्थान के कुछ हिस्सों में 22 दिसंबर के दौरान सक्रिय रहने की संभावना है.
इसके प्रभाव से न्यूनतम तापमान में 1 से 3 डिग्री की बढ़ोतरी हो सकती है. हालांकि, अधिकांश क्षेत्रों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहने का अनुमान है. 24 दिसंबर से उत्तरी हवाओं के प्रभाव के कारण न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट होने की संभावना है. 23 और 24 दिसंबर को राज्य के उत्तरी और कुछ पश्चिमी हिस्सों में कहीं-कहीं घना कोहरा रहने का अनुमान है. इससे सुबह के समय दृश्यता कम होने की संभावना है.
राजस्थान के प्रमुख शहरों का तापमान
प्रदेश के प्रमुख शहरों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में भी काफी अंतर देखा गया. अजमेर में अधिकतम तापमान 29.8 और न्यूनतम तापमान 9.9 डिग्री सेल्सयिस रहा. इसी तरह भीलवाड़ा में 29.1/8.6, अलवर 26.8/8.8, जयपुर 28.4/11.6, पिलानी 29/7.5, सीकर 26.5/6.5, कोटा 28.8/10.8, चित्तौड़गढ़ 29.4/9, उदयपुर 28.7/12, बाड़मेर 30.4/12.4, जोधपुर 30.8/9.8, बीकानेर 31/7.1, चूरू 24.5/10, गंगानगर 27.5/8, बारां 30.5/7.2, जालौर 29.3/6.2, फतेहपुर 23.4/4.4, सिरोही 28.6/9.2, करौली 26.7/6.6, दौसा 29.3/6.2, प्रतापगढ़ 28.1/12.5, झुंझुनूं 29.5/8.1, पाली 28/9.2 डिग्री सेल्सियस रहा.
शीतलहर से बचाव के लिए बरतें सावधानी
शीतलहर के प्रभाव को देखते हुए बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने से त्वचा रूखी और शुष्क हो सकती है. पशुओं के लिए भी यह समय चुनौतीपूर्ण होता है, इसलिए उन्हें पर्याप्त पोषण और गर्म वातावरण प्रदान करना जरूरी है. शीतलहर के दौरान गर्म कपड़े पहनना और नियमित गर्म पेय पीते रहना फायदेमंद रहेगा. कोहरे के कारण दृश्यता में कमी होने से सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है. वाहन चलाते समय गति 30 किमी/घंटा या उससे कम रखें और लो-बीम हेडलाइट्स का उपयोग करें. हाई-बीम का इस्तेमाल कोहरे में दृश्यता कम कर सकता है.
कोहरे से फसलों को बचाने के लिए करें उचित उपाय
फसल, बागवानी और रोपण के कार्यों पर भी शीतलहर और कोहरे का असर पड़ सकता है. लंबा कोहरा और कम धूप पौधों की प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है. ऐसे में किसान अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए उचित उपाय करें और पशुओं के लिए पर्याप्त ठंड से बचाव सुनिश्चित करें. राजस्थान में आगामी दिनों में मौसम शुष्क रहने के साथ-साथ उत्तरी हवाओं और कोहरे का असर देखने को मिल सकता है. नागरिकों को शीतलहर और कोहरे से सुरक्षा के लिए उचित सावधानी बरतने की जरूरत है.



