Rajasthan Weather Update : सीकर में 0.1 डिग्री तक पहुंचा तापमान, 2 से 3 दिनों तक शीतलहर चलने की संभावना, अलर्ट जारी
जयपुर. राजस्थान के मौसम में बदलाव का दौर जारी है. शीत लहर की चपेट में अब राज्य के कई जिले आ गए है. कश्मीर के ऊंचे इलाकों में ताजा बर्फबारी के कारण राजस्थान के अधिकांश जिलों के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार को राज्य में मौसम मुख्यतः शुष्क रहा. वहीं राज्य में एक दो स्थानों पर अतिशीत लहर व कहीं कहीं शीत लहर दर्ज की गई .राज्य में अधिकतम तापमान बाड़मेर में 26.1 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 0.1 डिग्री सेल्सियस फतेहपुर, सीकर में दर्ज किया गया.
मुख्य जिलों का अधिकतम तापमान ये रहामौसम विभाग की फोरकास्ट रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार को अजमेर में 23.5 डिग्री, भीलवाड़ा में 22.9 में डिग्री, जयपुर में 23.0 डिग्री, सीकर में 21.0 डिग्री, कोटा में 23.4 डिग्री, चित्तौड़गढ़ में 24.5 डिग्री, बाड़मेर में 27.1 डिग्री, जैसलमेर में 23.5 डिग्री, जोधपुर में 25.0 डिग्री, बीकानेर में 23.8 डिग्री, चूरू में 22.6 डिग्री, श्री गंगानगर में 22.6 डिग्री, माउंट आबू में 15.0 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया.
मुख्य जिलों का न्यूनतम तापमान ये रहामौसम विभाग की फोरकास्ट रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार को अजमेर में 5.9 डिग्री, भीलवाड़ा में 5.9 में डिग्री, जयपुर में 6.8 डिग्री, सीकर में 1.0 डिग्री, कोटा में 6.8 डिग्री, चित्तौड़गढ़ में 5.2 डिग्री, बाड़मेर में 10.9 डिग्री, जैसलमेर में 10.0 डिग्री, जोधपुर में 10.0 डिग्री, बीकानेर में 7.6 डिग्री, चूरू में 2.2 डिग्री, श्री गंगानगर में 6.3 डिग्री, माउंट आबू में 2.8 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया.
मौसम विभाग का अलर्टमौसम विभाग के अनुसार आगामी 2 से 3 दिनों में राज्य में कुछ स्थानों पर शीत लहर चलने की सम्भावना है. इसकी अलावा आज अलवर,झुंझुनू, करौली, कोटा, सीकर, सिरोही, चूरू, नागौर जिलों में शीत लहर का अलर्ट जारी किया है. विभाग के अनुसार अभी और कड़ाके की सर्दी का दौर शुरू हो गया है. दिसंबर के मध्य से जनवरी तक कड़ाके की सर्दी रहने का अलर्ट जारी किया हुआ है. इस बार पिछले कई सालों के मुकाबले अधिक ठंड रह सकती है. वहीं सर्दी कई सालों का रिकॉर्ड भी तोड़ सकती है.
शीत लहर पड़ने से त्वचा हो सकती है शुष्कमौसम विभाग के अनुसार बच्चों और बुजुर्गों को शीत लहर का सबसे ज़्यादा खतरा रहता है. शीत लहर और पाला फसल, बागवानी, और रोपण की वृद्धि और उत्पादकता को प्रभावित करता है. शीत लहर में अधिक ठंड के लम्बे समय तक सम्पर्क में रहने से त्वचा कठोर एवं सुन्न हो सकती है.इससे पशुओं की मृत्यु और चोट हो सकती है.
शीत लहर के दौरान पशुओं को ज़्यादा पोषण की ज़रूरत होती है. इससे बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े पहनें और नियमित रूप से गर्म पेय पीते रहे. इसके अलावा शीतलहर के समय चुस्त कपडे ना पहनें यह रक्त संचार को कम करता है. शीत लहर के समय जितना संभव हो सके, घर के अंदर ही रहें.
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FIRST PUBLISHED : December 13, 2024, 06:50 IST