Raita and churma are made from this flower roti is made throughout the summer – News18 हिंदी

रिपोर्ट-निखिल स्वामी
बीकानेर. राजस्थान में आज गणगौर की धूम है. घर घर सुहागन महिलाएं गवर और ईसरजी की पूजा कर रही हैं. पूरे प्रदेश में मेले जैसा माहौल है. गणगौर के मौके पर हम आज राजस्थान के एक ऐसे फूल के बारे में आपको बताएंगे जो कमाल का है. ये सजाने के नहीं बल्कि खान पान के काम आता है. इससे पारंपरिक राजस्थानी खाने की कई चीजें बनती हैं. ये फूल औषधीय गुणों से भरपूर है.
घोरों के प्रदेश राजस्थान में कई ऐसे पेड़ पौधे हैं जो सीजन के अनुसार उगते हैं. इन पौधों का किसी किसी त्यौहार से गहरा नाता है. साथ ही यह औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. हम बात कर रहे हैं रेगिस्तान के एक स्पेशल पौधे फोग की. इसे देशी भाषा में फोगला कहा जाता है. यह झाड़ी पर उगने वाला फूल होता है. जिसका उपयोग रायता , चूरमा और रोटी में होता है. इससे इसका रायता, चूरमा और रोटी का स्वाद दुगुना हो जाता है. फोग का गणगौर के साथ सीधा संबंध है. कई त्योहारों पर इसका उपयोग होता है.
फोग का फूल
फोग का फूल होली से एक सप्ताह पहले बाजार में आता है. रायता बनाने के लिए फोगले को रात भर पानी में भिगोकर सुबह उबाला जाता है. फिर दही में डालकर रायता बनाया जाता है. ये गर्मी में शरीर की तासीर को बहुत ठंडा रखता है. व्यवसायी हरीश अग्रवाल बताते हैं कि इसका सीजन 10 से 15 दिन पहले ही शुरू हुआ है और अब पूरी गर्मी तक चलेगा. गणगौर पर इस फूल का बहुत महत्व रहता है. यह देसी चीज है. बाजरे में डालकर इसकी रोटी बनाई जाती है. बाजार में फूल की कीमत इन दिनों 280 रुपए किलो है.
लू से बचाएगा
आयुर्वेदिक डॉक्टर अमित गहलोत ने बताया फोग का फूल खाने से बहुत फायदे हैं. इसकी तासीर बहुत ठंडी रहती है. इसे खाने से यह रेगिस्तान में लू से बचाता है. साथ ही यह शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता. इसके अलावा फोग की जड़ें बहुत गहरी होती हैं. यह जमीन में रेगिस्तान के धोरों को बांधने का काम भी करती हैं.
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FIRST PUBLISHED : April 11, 2024, 14:47 IST