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Rajasthan Will Get 5 Million Tonnes Of Coal Every Year – गुड न्यूज, राजस्थान को हर साल मिलेगा 5 मिलियन टन कोयला

राजस्थान में बार-बार कोयले की कमी से निजात पाने के लिए छत्तीसगढ़ के सरगुजा स्थित 841 हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र के परसा कोल ब्लॉक से कोयले का उत्पादन शुरू होेने पर राज्य को प्रतिदिन करीब 2.7 रैक कोयले की मिल सकेगी।

जयपुर। राजस्थान में बार-बार कोयले की कमी से निजात पाने के लिए छत्तीसगढ़ के सरगुजा स्थित 841 हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र के परसा कोल ब्लॉक से कोयले का उत्पादन शुरू होेने पर राज्य को प्रतिदिन करीब 2.7 रैक कोयले की मिल सकेगी। एक मोटे अनुमान के अनुसार इस ब्लॉक में 5 मिलियन टन प्रतिवर्ष कोयला उत्पादन होने की संभावना है। साथ ही इस नए ब्लॉक से एक हजार रैक मिलने की संभावना है। वहीं इस कोल ब्लॉक में 30 साल में 150 मिलियन टन कोयले का अनुमानित भण्डार है। इससे प्रदेश के तापीय विद्युत गृहों के लिए राज्य कोल ब्लॉकों से भी अधिक कोयला मिलने लगेगा।

कोयला मंत्रालय से भी क्लियरेंस मिल
छत्तीसगढ़ के सरगुजा स्थित परसा कोल ब्लॉक में कोयला खनन आरंभ करने की दिशा में राज्य सरकार एक कदम और आगे बढ़ गई है। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम और ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि अब केन्द्र सरकार के कोयला मंत्रालय से भी क्लियरेंस मिल गई है। इससे पहले केन्द्र सरकार के वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से पिछली 21 अक्टूबर को ही क्लियरेंस प्राप्त हुई है। पिछले 15 दिनों मे राज्य सरकार दो महत्वपूर्ण विभागों से क्लियरेंस प्राप्त करने में सफल रही है।

अगले माह तक छत्तीसगढ सरकार से भी क्लियरेंस
अग्रवाल ने बताया कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री गहलोत ने केन्द्र सरकार को आवश्यक सभी क्लियरेंस जारी करने के लिए पत्र लिखने के साथ ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखकर आवश्यक स्वीकृतियां जारी करने का आग्रह किया है। उन्होंने बताया कि अब केन्द्र सरकार के संबंधित विभागों से क्लियरेंस जारी होने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार से आवश्यक स्वीकृतियां जारी की जानी है जिसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं और माना जा रहा है कि इस माह के अंत या दिसंबर माह के शुरुआत तक छत्तीसगढ़ सरकार से भी आवश्यक क्लियरेंस मिल जाएगी।

पिछले दिनों हुई थी विस्तार से चर्चा
पिछले दिनाें ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने भी सुबोध अग्रवाल व राज्य विद्युत उत्पादन निगम के सीएमडी आर. के. शर्मा सहित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ परसा कोल ब्लॉक सहित कोयला की रैक डिस्पेच और विद्युत मांग व उपलब्धता सहित आवश्यक सभी बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर जल्दी से जल्दी इस नए ब्लॉक में कोयले का उत्पादन शुरु कराने पर बल दिया।

पांच साल पहले आवंटित किया था कोल ब्लॉक
केन्द्र सरकार ने 2015 में राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम को 841.538 हैक्टेयर क्षेत्र का छत्तीसगढ़ के सरगुजा परसा कोल ब्लॉक आवंटित किया था। लंबे समय से केन्द्रीय वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन विभाग और कोयला मंत्रालय आदि से क्लियरेंस नहीं मिलने से कोयले का उत्पादन शुरु नहीं हो पा रहा था। पिछले दिनों देशव्यापी कोयला संकट के चलते केन्द्रीय ऊर्जा सचिव, केन्द्रीय वन पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन सचिव और केन्द्रीय कोयला सचिव से मिलकर प्रभावी तरीके से राज्य का पक्ष रखा जिसके परिणाम स्वरुप 5 एमटीपीए के परसा कोल ब्लॉक की केन्द्र सरकार स्तर पर लंबें समय से अटकी क्लियरेंस आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा कर जारी हो सकी। राज्य सरकार के प्रयासोें से वायोडायवरसिटी असेसमेंट स्टडी रिपोर्ट केन्द्र को भिजवाकर शीघ्र स्वीकृति का दबाव बनाया गया जिसके परिणाम स्वरुप केन्द्र सरकार से आवश्यक क्लियरेंस मिल गई है।

तापीय गृहों के लिए लिया जा रहा कोयला
गौरतलब है कि राज्य में परसा ईस्ट व कांता बेसिन में फेज वन में कोयले का खनन कर राज्य के विद्युत तापीय गृहों के लिए कोयला लाया जा रहा है। अभी केन्द्र सरकार स्तर पर परसा कांता बेसिन के दूसरे चरण के 1136 हैक्टेयर के वन भूमि में वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग से क्लियरेंस के लिए केन्द्र सरकार पर दबाव बनाए हुए हैं और जल्दी ही क्लियरेंस मिलने की संभावना है।







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