Rajasthanbaranin the biggest hospital of the district there is no electricity for hours at night the workers work by lighting mobile torches
रिपोर्ट: हर्षिल सक्सेना
बारां. बारां जिले के सबसे बड़े शहीद राजमल मीणा जिला अस्पताल में व्यवस्थाएं बेपटरी हो रही है. इसके कारण आए दिन मरीजों और तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. शनिवार देर रात को जिला अस्पताल में घंटो तक तक बिजली गुल रहती है. बिजली गुल हो जाने के बाद अन्य वार्डो में तो जनरेटर चालू करके पावर सप्लाई शुरू कर दी, लेकिन इमरजेंसी वार्ड में बिजली के बैकअप की कोई व्यवस्था नहीं होने से यहां पर घंटो तक अंधेरा पसरा रहता है. इस दौरान इमरजेंसी में जिला अस्पताल पंहुचने वाले मरीजों को चिकित्सक औरनर्सिंगकर्मी ने मोबाइल टॉर्च की सहायता से उपचार दिया जाता है. यहां करीब एक घंटे से ज्यादा समय तक इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को मोबाइल टॉर्च के सहारे उजाला कर उपचार दिया जाता है.
चिकित्सा कर्मी मरीजों के ड्रिप चढ़ाने, इंजेक्शन लगाने और मरहम पट्टी भी मोबाइल की टॉर्च के उजाले में ही करते है. इस दौरान कई मरीजों की जान पर संकट बना रहता है. साथ ही इस दौरान कई गंभीर मरीजों के अस्पताल पंहुचने पर उनको कोटा रेफर करना पड़ता है. अब जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इमरजेंसी वार्ड में भी पावर बैकअप की व्यवस्था की जाएगी.
आपके शहर से (बारां)
इमरजेंसी वार्ड में नही है इर्न्वटर और जनरेटर
जिला अस्पताल में शहर समेत जिलेभर से गंभीर मरीज आपात स्थिति में रेफर होकर पंहुचते है. लेकिन यहां पर इंतजाम दुरस्त नहीं होने का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है. जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में पूर्व में इर्न्वटर की व्यवस्था थी. लेकिन यह पिछले कई महीनों से खराब पड़ा हुआ है. इसके खराब हो जाने के बाद अस्पताल प्रबंधन की ओर से इसको ठीक करवाने की कोई व्यवस्था नहीं की, साथ ही इस दौरान इमरजेंसी वार्ड में बिजली बैकअप की कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी अस्पताल प्रबंधन की ओर से नहीं की गई.
हर दिन 150 मरीज पंहुचते है इमरजेंसी वार्ड में
जिले का सबसे बड़ा अस्पताल होने के कारण रात के समय जिलेभर से पीएचसी, सीएचसी समेत अन्य अस्पतालों में गंभीर स्थिति में मरीज इमरजेंसी वार्ड में पंहुचते है. अस्पताल सूत्रों के अनुसार यहां पर प्रतिदिन करीब 150 मरीज इलाज करवाने के लिए पंहुचते है. कई बार यह संख्या 170 को भी पार कर जाती है. यहां पर हर माह 4500 मरीज उपचार करवाने के लिए पंहुचते है. ऐसे में यहां पर बिजली गुल होने के बाद कोई व्यवस्था नहीं होने से कई बार मरीजों की जान पर भी बन आती है.
तुरंत सही करवाया जाएगा- पीएमओ
जिला अस्पताल पीएमओ डॉ सतीश अग्रवाल का कहना है कि जिला अस्पताल में बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए 3 जनरेटर है. इसमें 1 एमसीएच यूनिट, 1 कोविड़ आईसीयू और 1 न्यू अडानी ब्लॉक में लगा रखा है. बिजली गुल होने की स्थिति में इन्हें चालु कर बिजली बहाल कर दी जाती है. इमरजेंसी वार्ड में बिजली जाने पर जनरेटर शुरु करके सप्लाई दी जाती है. मगर देर रात रही बिजली गुल के बारे में अबतक वार्ड इचांर्ज और बिजलीकर्मी की ओर से अवगत नहीं करवाया गया है. अगर ऐसी कोई परेशानी है. तो उसे दिखवाकर तुरंत सही करवाया जाएगा.
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Tags: Baran news, District Hospital, Electricity problem, Health Department, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : February 26, 2023, 09:26 IST