Rajasthani Short Film 1869 based on the drought of rajputana rajasthan | Rajasthani Short Film ‘1869’: नदियां, तालाब और अमरुद का बागीचा…, अकाल के वक्त की स्टोरी देख सिहर जाएंगे
ये राजस्थानी शॉर्ट फिल्म ‘1869’ राजस्थान के सबसे भयावह और दर्दनाक सूखे के इर्द-गिर्द घूमती है। इस कहानी में मुख्य रूप से 2 किरदारों को दिखाया गया है जो पानी की किल्लत से पलायन करते हैं और अपना सब कुछ दांव पर लगा देते हैं।
नदियां, तालाब और अमरुद का बागीचा…, शुरू हुई तलाश
कहानी शुरू होती है माखन के किरदार से जिसमें वो पानी के लिए फावड़े से खुदाई करता हुआ दिखाई देता है। तभी गांव का एक शख्स ‘कालू’ उसे आखिरी बैलगाड़ी से अजमेर चलने की बात कहता है, जबकि पूरा गांव पहले ही पलायन कर चुका है। पैसे की तंगी से माखन अजमेर जाने से मना कर देता है।
‘कालू’ माखन को ऐसी जगह के बारे में बताता है जहां पानी ही पानी है। वो बताता है कि वहां जाने पर नदियां, तालाब और अमरुद का बागीचा मिलेगा। माखन ने तय कर लिया कि अब उसे उसी गांव जाना है। कुछ दिनों तक अपनी प्रेग्नेंट बीवी के साथ माखन पैदल चलता है, लेकिन पानी की कमी के कारण माखन की तबियत खराब हो जाती है…। इसके आगे की कहानी दिल दहला देने वाली है।
‘बाहुबली’ में कटप्पा के रोल के लिए संजय दत्त थे पहली पसंद, जानें क्यों छूटा था इतना बड़ा प्रोजेक्ट?
लोगों ने गुलामी नहीं मौत चुनी थी
ज्यादातर लोग अजमेर के ब्रिटिश इलाके में नहीं गए जहां रात राहत कार्यों की व्यवस्था की गई थी। कई लोग भोजन की तलाश में तब तक भटकते रहे जब तक वो भुखमरी से नहीं मर गए। फिल्म दावा करती है कि ऐसा माना जाता है कि 1869 में काल के दौरान राजपूताना में 15 लाख से अधिक लोग मारे गए थे।
OTT News: OTT से जुड़े लेटेस्ट अपडेट्स
ये पूरी शॉर्ट फिल्म दिल दहला देने वाली है। इस फिल्म में बूंद-बूंद पानी की जरुरत समझाई गई है। लगभग 29 मिनट की शॉर्ट फिल्म ‘1869’ यूट्यूब पर आसानी से उपलब्ध है। इस फिल्म को गौरव प्रभाकर ने डायरेक्ट किया है।