राजस्थान की बेटी ने छुआ अंटार्कटिका का शिखर, विन्सन मैसिफ पर तिरंगा फहराकर बनाई नई पहचान

Last Updated:December 17, 2025, 22:08 IST
Udaipur News : मनस्वी अग्रवाल ने अंटार्कटिका के विन्सन मैसिफ पर तिरंगा फहराकर इतिहास रचा, राजस्थान की पहली महिला बनीं, सेवन समिट्स चुनौती की ओर अग्रसर हैं, शिक्षा में भी उत्कृष्ट हैं. विन्सन मैसिफ समुद्र तल से करीब 5 हजार मीटर यानी लगभग 16,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यह शिखर पूरी तरह बर्फ से ढका हुआ है और चारों ओर हजारों किलोमीटर तक कोई मानव आबादी नहीं है.
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उदयपुर. उदयपुर की बेटी मनस्वी अग्रवाल ने अंटार्कटिका महाद्वीप के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर विन्सन मैसिफ पर भारतीय तिरंगा फहराकर इतिहास रच दिया है. 12 दिसंबर 2025 को यह उपलब्धि हासिल करने वाली मनस्वी राजस्थान की पहली महिला बन गई हैं, जबकि अब तक राज्य का कोई पुरुष भी इस दुर्गम शिखर तक नहीं पहुंच पाया है. इस साहसिक कारनामे से उन्होंने न केवल उदयपुर बल्कि पूरे राजस्थान का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है.
विन्सन मैसिफ समुद्र तल से करीब 5 हजार मीटर यानी लगभग 16,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यह शिखर पूरी तरह बर्फ से ढका हुआ है और चारों ओर हजारों किलोमीटर तक कोई मानव आबादी नहीं है. यहां का तापमान कई बार माइनस 60 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. इन्हीं विषम परिस्थितियों के कारण विन्सन मैसिफ को दुनिया के सबसे कठिन पर्वतारोहण अभियानों में गिना जाता है. विशेषज्ञों के अनुसार हर साल दुनिया भर से अधिकतम 50 पर्वतारोही ही इस शिखर तक पहुंच पाते हैं. भारत से अब तक 10 से भी कम पर्वतारोही यहां सफलतापूर्वक चढ़ पाए हैं, जिनमें अब मनस्वी अग्रवाल का नाम भी शामिल हो गया है.
कठिन प्रशिक्षण का परिणाममनस्वी की यह सफलता वर्षों के कठिन प्रशिक्षण, अनुशासन और निरंतर अभ्यास का परिणाम है. उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के दिरांग स्थित माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट और पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग स्थित हिमालयन माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट से बेसिक और एडवांस पर्वतारोहण प्रशिक्षण प्राप्त किया है. इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के दौरान उन्हें करीब एक माह तक 6,500 मीटर ऊंची बर्फीली चोटियों पर रहकर अभ्यास करना पड़ा. ये दोनों संस्थान भारतीय सेना द्वारा संचालित हैं. इसके अलावा उन्होंने गुजरात सरकार के स्वामी विवेकानंद रॉक क्लाइम्बिंग संस्थान से भी प्रशिक्षण लिया है और वे प्रमाणित प्रशिक्षक भी हैं.
पहले भी फतह कर चुकी हैं ऊंची चोटियांमनस्वी अग्रवाल इससे पहले इसी वर्ष यूरोप के सर्वोच्च शिखर माउंट एलब्रुस और अफ्रीका के सर्वोच्च शिखर माउंट किलिमंजारो को भी सफलतापूर्वक फतह कर चुकी हैं. उनका लक्ष्य आने वाले समय में सातों महाद्वीपों के सर्वोच्च शिखरों पर पहुंचकर सेवन समिट्स चुनौती को पूरा करना है. इस दिशा में विन्सन मैसिफ की चढ़ाई को उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में गिना जा रहा है.
खेल और शिक्षा में भी उत्कृष्टपर्वतारोहण के साथ-साथ मनस्वी का खेल और शिक्षा के क्षेत्र में भी शानदार रिकॉर्ड रहा है. वे 10 मीटर राइफल शूटिंग में राष्ट्रीय स्तर की शूटर रह चुकी हैं. शैक्षणिक रूप से उन्होंने गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई पूरी की है और वर्तमान में पर्यावरणीय कानून पर पीएचडी कर रही हैं. हाल ही में उन्होंने यूजीसी की सहायक आचार्य पात्रता परीक्षा 99.2 पर्सेंटाइल के साथ उत्तीर्ण की है. वर्तमान में वे एक लॉ कॉलेज में अध्यापन भी कर रही हैं.
परिवार और संस्कारों की भूमिकामनस्वी के पिता टी.आर. अग्रवाल राजस्थान वित्त सेवा के सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी हैं, जबकि उनकी माता सरोज गुप्ता मीरा गर्ल्स कॉलेज में इतिहास की वरिष्ठ आचार्य हैं. माता-पिता के अनुशासन, शिक्षा और संस्कारों ने उनकी सफलता में अहम भूमिका निभाई है. मनस्वी अग्रवाल आज युवाओं, विशेषकर बेटियों के लिए एक मजबूत प्रेरणा बन चुकी हैं.
About the AuthorAnand Pandey
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें
Location :
Udaipur,Rajasthan
First Published :
December 17, 2025, 22:08 IST
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राजस्थान की बेटी ने छुआ अंटार्कटिका का शिखर, तिरंगा फहराकर बनाई नई पहचान



