Rajasthan’s first longest ropeway is located on the Aravalli mountain range in Jalore district

सोनाली भाटी/जालौर. राजस्थान को किलों और मंदिरों का राज्य कहा जाता है. यहां की पहाड़ियों पर बने किले या मंदिरों तक पहुंचने में पर्यटकों को ज्यादा मुश्किलों का सामना न करना पड़े व देसी पर्यटकों के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों को भी इन जगहों के लिए आकर्षित किया जा सके. इसलिए रोपवे की सुविधा की गई है, राजस्थान के जालौर जिले की अरावली पर्वतमाला में राजस्थान का पहला रोपवे बनाया गया है. विदेशों से आने वाले पर्यटक आमतौर पर ऊंचाई पर स्थित उन जगहों पर जाना पसंद करते हैं जहां रोपवे की सुविधा उपलब्ध है.
सुंधा माता मां चामुंडा का स्थान है जहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं, माता जी के दर्शन के लिए पहुंचने के लिए भक्तों को पदयात्रा करनी पड़ती है वहीं, भक्तों को दर्शन के लिए किसी प्रकार की समस्या न हो इसलिए यहां पैसेंजर रोपवे की सुविधा उपलब्ध है.
मात्र 135 रुपए में कर सकते हैं यात्रायह रोपवे श्रद्धालुओं के लिए बहुत ही सुविधाजनक साबित होता है. यह राजस्थान का सबसे लंबा रोपवे है जिसकी लंबाई 800 मीटर है. जब अरावली पर्वतमाला यात्रा इस रोपवे के माध्यम से की जाती है जिसमें मात्र 135 रुपए ही खर्च होते हैं. इस यात्रा में बहुत ही सुंदर नजारे देखने को मिलते हैं यहां की पर्वत मलाई और यहां बहते झरने के अद्भुत नजारे इस रोपवे में दिखाई देते हैं और पर्वत का एक एक सुंदर और मनमोहक दृश्य दिखाई पड़ता है जिसमें सुंदर जैसलमेर पत्थर से तलहटी के प्रवेश द्वार को बनाया गया है और उसके आगे बने विशालकाय बगीचे का बहुत ही सुंदर दर्शय नजर आता है. रोपवे की एक टोली के अंदर एक बार में चार यात्री बैठ सकते हैं और इमरजेंसी के समय के लिए भी यहां इक्विपमेंट लगाए गए हैं जिससे कि किसी प्रकार की इमरजेंसी होने पर यात्रियों को सुविधा उपलब्ध कराई जा सके
FIRST PUBLISHED : June 25, 2024, 17:35 IST