राजस्थान को नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे! जयपुर के पास से गुजरेगा अहम कॉरिडोर, 7 जिलों की बदल जाएगी तस्वीर

Last Updated:December 19, 2025, 12:54 IST
Rajasthan New Greenfield Expressway: राजस्थान को कनेक्टिविटी के क्षेत्र में बड़ी सौगात मिलने जा रही है. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को जामनगर-अमृतसर एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा, जो जयपुर के दक्षिणी हिस्से से होकर गुजरेगा. इससे पचपदरा रिफाइनरी की दूरी करीब 100 किलोमीटर कम होगी और यात्रा समय 2-3 घंटे घटेगा. यह कॉरिडोर 7 जिलों को जोड़ेगा और औद्योगिक विकास को गति देगा.
राजस्थान को कनेक्टिविटी के क्षेत्र में एक बड़ी सौगात मिलने वाली है. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को बालोतरा से गुजर रहे जामनगर-अमृतसर एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए एक नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनेगा। यह नया कॉरिडोर जयपुर शहर के बिल्कुल करीब से गुजरेगा, जिससे पिंकसिटी के दक्षिणी इलाकों में विकास को नई रफ्तार मिलेगी. इस प्रोजेक्ट से पचपदरा रिफाइनरी तक की दूरी करीब 100 किलोमीटर कम हो जाएगी और यात्रा का समय 2 से 3 घंटे बच जाएगा.

नया एक्सप्रेसवे दौसा-लालसोट एक्सप्रेसवे के इंटरचेंज पॉइंट अरण्य कलां से शुरू होगा. यहां से यह ग्रीन कॉरिडोर के रूप में जयपुर के दक्षिणी हिस्से से होकर गुजरेगा. वर्तमान में तय अलाइनमेंट के अनुसार, जयपुर रिंग रोड से इसकी दूरी टोंक रोड पर मात्र 9-10 किलोमीटर रहेगी. यह एक्सप्रेसवे जयपुर, टोंक, अजमेर, ब्यावर, जोधपुर, बालोतरा और बाड़मेर सहित कुल 7 जिलों को कनेक्ट करेगा. अंत में यह बालोतरा के पटाउ खुर्द के पास जामनगर-अमृतसर एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। कुल लंबाई करीब 400 किलोमीटर होगी.

जयपुर जिले में यह एक्सप्रेसवे कोटखावदा, चाकसू, वाटिका, तूंगा, रेनवाल मांझी, फागी, मौजमाबाद, दूदू और साखून सहित 200 से अधिक गांवों से गुजरेगा. जिले का करीब 110 किलोमीटर का दायरा कवर होगा. इससे जयपुर-टोंक और जयपुर-अजमेर हाईवे भी सीधे कनेक्ट हो जाएंगे. इसके अलावा यह पुष्कर-मेड़ता, एनएच-25 (बाड़मेर-ब्यावर) और एनएच-62 (पिंडवाड़ा) हाईवे से जुड़ेगा.वर्तमान में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से बालोतरा-पचपदरा जाने वाले वाहनों को जयपुर, अजमेर, ब्यावर और जोधपुर से गुजरते हुए अलग-अलग व्यस्त राष्ट्रीय राजमार्गों का उपयोग करना पड़ता है, जिसमें 10 घंटे से अधिक समय लगता है.
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नया ग्रीन कॉरिडोर बनने से दूरी 100 किलोमीटर तक कम हो जाएगी और समय की बचत होगी. यह विशेष रूप से पचपदरा रिफाइनरी और बारमेड़ क्षेत्र के औद्योगिक विकास के लिए महत्वपूर्ण होगा. एनएचएआई इस प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार कर रहा है. मंजूरी मिलते ही जमीन अधिग्रहण का नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा. जिलेवार जमीन अधिग्रहण की जिम्मेदारी संबंधित कलेक्टरों की होगी. प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, यह प्रोजेक्ट राजस्थान के उन प्रस्तावित ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे में शामिल है, जिन्हें तेजी से पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

यह नया कॉरिडोर न केवल यातायात को सुगम बनाएगा बल्कि जयपुर के दक्षिणी इलाकों में रियल एस्टेट, लॉजिस्टिक्स और पर्यटन को बढ़ावा देगा. चाकसू, कोटखावदा और फागी जैसे क्षेत्रों में संपत्ति की कीमतों में उछाल की उम्मीद है. साथ ही, यह दिल्ली-मुंबई और जामनगर-अमृतसर जैसे प्रमुख आर्थिक कॉरिडोर को जोड़कर उत्तर भारत से पश्चिमी बंदरगाहों तक माल परिवहन को तेज करेगा. स्थानीय निवासियों और व्यापारियों में इस प्रोजेक्ट को लेकर उत्साह है. चाकसू के एक व्यापारी ने कहा कि यह एक्सप्रेसवे हमारे क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा.

जयपुर से जोधपुर और बारमेड़ का सफर आसान हो जाएगा. इसी तरह, कोटखावदा के किसान नेता ने बताया कि इससे गांवों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. राजस्थान सरकार और एनएचएआई के अधिकारी इस प्रोजेक्ट को प्राथमिकता दे रहे हैं. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की हालिया समीक्षा बैठक में ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए गए थे. लोगों का मानना है कि यह कॉरिडोर राजस्थान को देश के प्रमुख आर्थिक गलियारों से जोड़कर राज्य की जीडीपी में योगदान बढ़ाएगा.

इस प्रोजेक्ट से जुड़े गांवों में सर्वे का काम शुरू हो चुका है. प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा देने की व्यवस्था की जा रही है. पर्यावरण संरक्षण के लिए ग्रीन कॉरिडोर के रूप में डिजाइन किया गया है, जिसमें वन्यजीव क्रॉसिंग और पेड़ लगाने की योजना शामिल है.यह नया एक्सप्रेसवे जयपुर और पूरे शेखावाटी-मारवाड़ क्षेत्र के लिए विकास की नई इबारत लिखेगा. दिल्ली से गुजरात और पंजाब तक की कनेक्टिविटी मजबूत होने से व्यापार, पर्यटन और रोजगार के नए द्वार खुलेंगे.
First Published :
December 19, 2025, 12:54 IST
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राजस्थान को नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे! 7 जिलों की बदल जाएगी तस्वीर



