राजस्थान की आन-बान-शान है ‘साफा’, बस दो मिनट में सज जाता है सिर पर, जोधपुर की महिलाओं ने बनाया रोजगार का साधन

Last Updated:April 06, 2025, 17:47 IST
जोधपुर में मनोज बोहरा द्वारा 2007 से भूतनाथ मंदिर में निशुल्क साफा प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है. इस बार महिलाओं ने भी भाग लिया. साफा बांधना रोजगार का आधार बन गया है.X
जोधपुर की महिलाएं ले रही है साफा बांधने की ट्रेनिंग
हाइलाइट्स
जोधपुर में 2007 से निशुल्क साफा प्रशिक्षण शिविर आयोजित हो रहा हैइस बार महिलाओं ने भी साफा बांधने की ट्रेनिंग लीसाफा बांधना रोजगार का आधार बन गया है
जोधपुर : अगर आपको भारतीय संस्कृति का जोधपुरी प्रतीक आन बान और शान का प्रतीक साफा बांधना सीखना है तो मात्र दो मिनट में आप भी सीख सकते हैं. जोधपुर में ख्यातनाम साफा प्रशिक्षक मनोज बोहरा इस काम में पिछले दो दशक से लगे हैं. 15 सालों से यह निशुल्क ट्रेनिंग कैंप लगाया जा रहा है.इस कैंप की खास बात यह है कि बच्चों और युवकों के अलावा इस बार महिलाएं भी साफा बांधने की ट्रेनिंग ले रही है.
उन्होंने कहा कि साफा बांधने के पेच को समझना दो मिनट का काम है, बाकी अभ्यास करते-करते साफा बांधने में सफाई आ जाती है.बोहरा ने बताया कि साफा बांधना आना जरूरी है. आज यह कला लोगों के रोजगार का आधार बन गई है. बोहरा सिवांची गेट स्थित भूतनाथ महादेव मंदिर परिसर के पार्क में पुष्करणा सृजन सोसायटी के तत्वावधान में साफा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन करते हैं, जिसमें युवाओं, बच्चों और बुजुर्ग उत्साह के साथ साफा बांधना सीखने आते हैंशिविर के संयोजक ने बताया कि 3 से 6 अप्रेल तक चलने वाले इस शिविर में प्रात सात से आठ बजे तक ख्यातनाम साफा प्रशिक्षक मनोज बोहरा व उनकी टीम साफा बांधने का प्रशिक्षण दे रहे हैं.
भूतनाथ में नि शुल्क साफा प्रशिक्षण शिविर शुरूपुष्करणा सृजन सोसायटी एवं पुष्करणा चिंतन की ओर से निशुल्क चार दिवसीय साफा बांधने का प्रशिक्षण शिविर गुरुवार से भूतनाथ मंदिर के पार्क में आरम्भ हुआ।शिविर के संयोजक सोमदत्त हर्ष ने बताया कि 3 से 6 अप्रेल तक चलने वाले इस शिविर में प्रात सात से आठ बजे तक ख्यातनाम साफा प्रशिक्षक मनोज बोहरा व उनकी टीम साफा बांधने का प्रशिक्षण दे रहे हैं। शिविर में जोधपुरी पेच सहित अन्य पेच के साफे भी सिखाए जा रहे हैं.
साफा बांधना भी रोजगारजोधपुर में साफा के कई शो रूम हैं. इसके अलावा बड़े समारोह में साफा बांधने के लिए लोगों को बुलाया जाता है जो प्रत्येक व्यक्ति के सिर पर साफा बांधने के लिए चार्ज लेते हैं. इतना ही नहीं जोधपुरी साफा यहां से बनकर विदेश एक्सपोर्ट भी किया जाने लगा है. ऐसे में सहज रूप से साफ का महत्व समझा जा सकता है.
2007 से लगातार लगाया जा रहा निशुल्क शिविरभूतनाथ मंदिर के पार्क में 2007 से लगातार शिविर आयोजित किये जा रहे हैं। भारतीय संस्कृति को संजोने के लिए इस प्रकार के शिविर लगाए जा रहे हैं. हर वर्ष शिविर में सैकड़ों लोग प्रशिक्षित होते हैं। अब तक हजारों की संख्या में लोग साफा बांधना सीख चुके हैं. शिविर में राजकुमार वर्मा, रमेश सिसोदिया, राहुल बोड़ा, अनिल बोहरा तथा मनीष जोशी का सहयोग रहा.
Location :
Jodhpur,Rajasthan
First Published :
April 06, 2025, 17:47 IST
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राजस्थान की आन-बान-शान है ‘साफा’, जोधपुर की महिलाओं ने बनाया रोजगार का साधन