Rajasthan’s procession at Delhi’s Kartavya Path on Republic Day Video | VIDEO : वाह, क्या खूब! दिल्ली के कर्तव्य पथ पर दिखा राजस्थान की झांकी का ‘ठाठ’, देखकर होगा गर्व
Rajasthan Procession at Kartavya Path, Delhi : राजस्थान की यह झांकी परंपरा के आलोक के साथ विकसित भारत की संकल्पना लिए हुए है।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आयोजित राष्ट्रीय स्तरीय समारोह में हर बार की तरह इस बार भी राजस्थान की झांकी आकर्षण का केंद्र रही। झांकी में विकसित भारत में ‘पधारो म्हारे देश’ की झलक देखने को मिली।
झांकी के नोडल अधिकारी राजस्थान ललित कला अकादमी के सचिव डॉ रजनीश हर्ष ने बताया कि राज्य की प्रमुख शासन सचिव, कला एवं संस्कृति विभाग गायत्री राठौड़ की परिकल्पना और उनके निर्देशानुसार तैयार की गई यह झांकी राजस्थान की उत्सवधर्मी संस्कृति, स्थापत्य परंपरा और हस्तशिल्प का सुंदर मिश्रण है।
घूमर नर्तकी के मूर्ती शिल्प ने मोहा
झांकी में सामने की तरफ राजस्थान के सुप्रसिद्ध घूमर नृत्य का मनोहारी दृश्य रहा। इसमें घूमर करती 10 फीट आकार की राजस्थानी वेश-भूषा में सुसज्जित नर्तकी का मूर्ति शिल्प दर्शाया गया। गौरतलब है कि घूमर राजस्थान का सुप्रसिद्ध पारंपरिक महिला नृत्य है जो विभिन्न उत्सवों में किया जाता है।
प्रदेश की ‘महिला शक्ति’ की झलक झांकी के पिछले भाग में भक्ति और शक्ति की प्रतीक भगवान कृष्ण की अनन्य भक्त मीरा बाई की सुंदर प्रतिमा प्रदर्शित की गई। इसके अलावा राज्य के प्रसिद्ध महिला हस्तशिल्प उद्योगों की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की सुंदर झलक भी प्रस्तुत की गई। झांकी में राजस्थान की उद्यमी महिलाओं को पारंपरिक बंधेज, बगरू प्रिंट, एप्लिक वर्क का कार्य करते हुए दर्शाया गया।
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इस बार भी दिखी ऊंट की सुसज्जित प्रतिमा
झांकी के पिछले भाग में ‘रेगिस्तान का जहाज’ ऊंट की सुसज्जित प्रतिमा दिखाई दी। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र संघ (यूनाइटेड नेशंस) ने वर्ष-2024 को उष्ट्र (ऊंटों) वर्ष घोषित किया है। गोरबंद में सजे-धजे दो ऊंटों की झांकी प्रतिवर्ष राजस्थान में होने वाले ऊंट उत्सव को प्रतिबिंबित कर रही है।
ग्रामीण जनजीवन को भी करवाया रु-ब-रु
झांकी में विशेष राजस्थानी ग्राम्य जन जीवन के प्रतीक के रूप में राजस्थानी लिबास में सजे धजे पुरुष की मूर्ति दर्शाई गई। साथ ही झांकी में ऊंट पर राजस्थान की पारंपरिक वेशभूषा पहने राजस्थानी महिला सवार भी दर्शायी गई है। ऊंट के पीछे राजस्थान के स्थापत्य को हाथी युक्त विशेष तोरण द्वार, कलात्मक छतरियों युक्त मीनार को भी गुलाबी रंग पर सफेद रंग से बड़ी खूबसूरती से पेश किया गया।
फ्यूज़न धुनों के संगीत ने लुभाया
झांकी में राजस्थानी संगीत की मनभावन प्रस्तुति के साथ घूमर और गोरबंद गीतों की विभिन्न लोक वाद्य यंत्रों के द्वारा फ्यूजन धुनों पर, झांकी के दोनों ओर दस लोक नर्तकियां पारंपरिक घूमर नृत्य करती दिखाई दीं।
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‘विकसित भारत’ संकल्पना की झलक