Rajasthan

राजपूत समाज ने पेश की मिसाल, दूल्हे को घोड़ी पर बैठाकर निकाली बन्दौली, वाल्मीकि समाज की बेटी की शादी का उठाया खर्च

बाड़मेर. एक जमाने में समाज में छुआछूत की वजह से कई जातियों में दूरियों की दीवारें खिंची थी और इन दूरियों की दीवारों को तोड़ने की हिम्मत बहुत कम लोग करते थे लेकिन कुछ ऐसे विरले होते है जिनके कदम समाज में बदलाव की सुखद नजीर पेश करते है. बालोतरा के नागाणा गांव में एक बारात के दौरान ऐसी ही सुखद नजीर पेश की है.

नागाणा में वाल्मीकि समाज की बेटी को राजपूत समाज ने कन्यादान कर सामाजिक समरसता का उदाहरण पेश किया है. गाजे बाजे के साथ नागौर से आई बारात का ना केवल भव्य स्वागत किया गया बल्कि दूल्हे को घोड़ी पर बिठाकर भव्य बन्दोलि निकाली गई है. गांव के राजपूत परिवार के सज्जन सिंह और उनकी पत्नी ने कन्यादान कर नई नजीर पेश की है.

नागाणा गांव के सज्ज्न सिंह और उनके परिवार ने गांव के वाल्मीकि समाज की बेटी कुसुमलता का विवाह धूमधाम से करने का निर्णय लेते हुए समस्त खर्च वहन किया है. नागौर निवासी दूल्हे संजय कुमार को घोड़ी पर बैठाकर धूमधाम से बन्दौली निकालकर और उसके बाद तोरण वंदन करवाया. कुसुमलता और उसके परिवार के अलावा पूरा गांव इस शादी का साक्षी बना है.

सामाजिक समरसता का उदाहरण पेश करने वाले सज्ज्न सिंह ने लोकल18 से बातचीत करते हुए कहा कि वाल्मीकि समाज की बेटी की शादी में मंडप बना विधि विधान से शादी करवाई गई है. गांव के सभी समाज के लोगों ने एक ही जाजम पर बैठकर भोजन किया. उन्होंने कहा कि समाज में सामाजिक समरसता का संदेश देने को लेकर दलित समाज की बेटी का विवाह करवाने का निर्णय लिया. परिवार में इच्छा जताने पर बड़े और छोटे सभी ने इसकी सराहना की. इतना ही नहीं ग्रामीणों ने भी इसकी सराहना करते हुए शादी समारोह में जमकर बारातियों की खातेदारी की. उन्होंने कहा कि इस खुशी के माहौल में हर कोई खुश नजर आ रहा था.

FIRST PUBLISHED : November 14, 2024, 17:30 IST

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