Rajsamand lok sabha elections 2024: आज तय होगा राजसमंद का सांसद, महिमा कुमारी खिला पाएंगी कमल?

राजसमंद. साल 1675 में मेवाड़ के महाराणा राणा राज सिंह ने राजसमंद शहर को बसाया. एशिया में मानव द्वारा निर्मित दूसरे नंबर की मीठे पानी की सबसे बड़ी झील के रूप में विख्यात राजसमंद शहर राजस्थान की राजनीति में भी अपना एक विशेष स्थान रखता है. साल 2009 में राजसमंद लोकसभा सीट अस्तित्व में आई. राजसमंद लोकसभा सीट में चार जिलों की आठ विधानसभा सीट आती है. हाल ही राजस्थान में विधानसभा चुनाव हुए, जिसमें सभी आठ विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की है.
राजसमंद लोकसभा सीट की बात करें तो यह एकमात्र ऐसी सीट है जो चार जिलों की आठ विधानसभा सीटों से मिलकर बनी है. बीजेपी सरकार में उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी पहले यहां से सांसद थीं, लेकिन विधायक बनने के बाद उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया. अब यहां से बीजेपी से मेवाड़ राजघराने की बहु महिमा कुमारी और कांग्रेस से दामोदर गुर्जर की टक्कर है.
राजसमंद उदयपुर से करीब 60 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. यहां की राजनीतिक स्थिति से लेकर पर्यटन और व्यापार उदयपुर से काफी जुड़ा हुआ है. इस लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा चार अलग- अलग जिलों से है. राजसमंद जिले की राजसमंद, नाथद्वारा, कुंभलगढ़, भीम विधानसभा सीट है. इसके अलावा ब्यावर विधानसभा अजमेर जिले में, डेगाना और मेड़ता विधानसभा नागौर जिले में और जैतारण विधानसभा पाली जिले में है.
क्या है यहां की राजनीतिक स्थिति?साल 2019 के चुनाव में उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी सांसद बनी थीं. वहीं साल 2014 में बीजेपी से हरिओम सिंह राठौड़ सांसद बने थे. 2009 में कांग्रेस के गोपाल सिंह शेखावत सांसद बने थे. राजसमंद लोकसभा सीट की भौगोलिक स्थिति अजीब है. क्योंकि इसमें मेवाड़, मगरा क्षेत्र गोड़वाड़ और मारवाड़ का एरिया आता है. इस सीट के राजसमंद के देलवाड़ा से लेकर नागौर के डेगाना विधानसभा के अंतिम गांव तक की दूरी 500 किलोमीटर के करीब है. राजसमंद लोकसभा की बात करें तो 2118 पोलिंग बूथ थे. कुल 20 लाख 49 हजार 944 मतदाता हैं. इसमें पुरुष मतदाता 10 लाख 50 हजार 994 और महिला मतदाता 9 लाख 98 हजार 590 हैं. राजसमंद में मतदान 26 अप्रैल को हुआ.
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FIRST PUBLISHED : June 4, 2024, 06:42 IST