Rakesh Jhunjhunwala Memories: Big Bull Rajasthan, Jhunjhnu connection | Rakesh Jhunjhunwala Memories: भारत के शेयर बाजार के Big Bull राकेश झुनझुनवाला का क्या है झुंझुनूं कनेक्शन?
राजस्थान के झुंझुनूं में हैं राकेश झुनझुनावाला की जड़ें कम लोग जानते हैं कि राकेश झुनझुनवाला का परिवार राजस्थान के झुंझुनूं जिले का रहने वाला है, पर उनका और उनके पिता का जन्म राजस्थान के बाहर ही हुआ था। राकेश झुनझुनवाला के पिता राधेश्याम झुनझुनवाला एक सरकारी आयकर अधिकारी थे और इस रूप में राकेश के पिता कई शहरों में तैनात रहे थे। राकेश का जन्म तब हुआ जब उनके पिता हैदराबाद में पदस्थ थे। जबकि उनके पिता राधेश्याम झुनझुनवाला का जन्म मुंबई में बताया जाता है।
राकेश झुनझुनवाला ने कई मीडिया इंटरव्यू में बताया है कि वे ढाई साल की उम्र से मुंबई को अपना घर बनाने पिता के साथ आ गए थे। झुनझुनवाला अपने इंटरव्यू में प्राय: एक बात कहते हैं कि “मैं जन्म से हिंदू हूं, जाति से मारवाड़ी बनिया, निवास से मुंबईवासी और आत्मा से भारतीय हूं, ।” यही बात उन्होंने राजस्थान के जाने-माने म्यूचुअल फंड एक्सपर्ट और शेयर बाजार निवेशक जितेंद्र अग्रवाल से भी कही, जिनके साथ उनकी फोटो नीचे दी भी गई है। जयपुर निवासी जितेंद्र ने बताया कि उनके अपना स्वास्थ्य खराब रहने का विशेष अफसोस इसलिए भी रहता था कि वे ज्यादा जगहों, विशेषकर राजस्थान ज्यादा नहीं जा पाते हैं, जहां उनका पितरों का निवास रहा है। लेकिन उनके परिवार से जरूर कोई न कोई हर दो साल में एक बार उनके गृहनगर और राजस्थान में पारिवारिक मंदिर जाते हैं।
राकेश ने एचवीबी अकादमी, मुंबई में स्कूली शिक्षा प्राप्त की और मुंबई के सिडेनहैम कॉलेज से बीकॉम किया। बाद में उन्होंने 1984 में अपना चार्टर्ड अकाउंटेंसी कोर्स पूरा किया। राकेश ने अपने मीडिया इंटरव्यू में ये भी कहा है कि छात्रावस्था में स्टाइपेंड के रूप में 90 रुपये प्रति माह रुपए का भुगतान किया गया था। तब जिसके बाद मैंने कभी कोई वेतन नहीं कमाया। वो गर्व से ये बात कहते थे कि, मैंने कभी नौकरी नहीं की।
मारवाड़ी है राकेश की पृष्ठभूमि अपनी मारवाड़ी पृष्ठभूमि के बारे में बात करते हुए, राकेश झुनझुनवाला कई बार मुंबई में राजस्थानी समुदाय की सराहना करते हुए देखे गए हैं। कई साक्षात्कारों में उन्होंने कहा है कि अगर आज मारवाड़ी यहां सबसे अमीर और कुछ सबसे सफल लोग हैं, तो यह उनकी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के कारण है। झुनझुनवाला अग्रवाल समुदाय से अपना ताल्लुक बताते रहे हैं, जिसमें देश के कुछ सबसे धनी लोग शामिल हैं, जैसे कि पिरामल, गुप्त, रुइया, मित्तल, मोदी…आदि।
पर आज हम मुंबईवासी, मुंबई ने हमें बनाया इसका श्रेय झुनझुनवाला राजस्थानियों की कड़ी मेहनत और मितव्ययी स्वभाव को देते आए हैं…मीडिया से बात करते हुए कई बार बिग बुल ने कहा है कि राजस्थान में जीवन आसान नहीं है, क्योंकि बारिश नहीं होती है, उचित सिंचाई नहीं होती है, और यह हमें इतना लचीला बनाता है। पर साथ ही वो यह कहना भी नहीं भूलते कि मुझे मारवाड़ी पर गर्व है, लेकिन अब हम मुंबईवासी हैं, और हम वही हैं जो मुंबई ने हमें बनाया है।
मारवाड़ी जीन का भी सफलता में योगदान राजस्थान के जाने माने शेयर मार्केट एक्सपर्ट संदीप जैन ( निदेशक, ट्रेड स्विफ्ट), जो खुद राकेश झुनझुनवाला का एक से अधिक बार इंटरव्यू कर चुके हैं, ने पत्रिका को बताया कि वह अपनी सफलता के लिए अपने मारवाड़ी जीन को श्रेय देते हैं, हालांकि उन्हें लगता है कि उनकी शिक्षा और अनुभव का समान योगदान रहा है।
मारवाड़ी शब्द का न हो अपमानजनक इस्तेमाल शेयर बाजार में पहली पीढ़ी के व्यवसायी और सेल्फ मेड राकेश चाहते हैं कि लोग मारवाड़ी शब्द का अपमानजनक तरीके से इस्तेमाल न करें। “मुझे लगता है कि भारत में सफल लोगों, विशेष रूप से धनी लोगों को अक्सर नीची नज़र से देखा जाता है। बेशक, अब यह रवैया बदल रहा है, ” आगे वे यह भी कहते हैं।
झुंझुनूं जिले से आता है बिग बुल का सरनेम यूं तो बिग बुल के रूप में राकेश झुनझुनवाला की दुनियाभर में पहचान है और उनको भारत का वारेन बफेट भी कहा जाता है। वर्तमान में भारत की आर्थिक राजस्थान मुम्बई में बस चुके राकेश झुनझुनवाला के परिवार की जड़ें राजस्थान के झुंझुनूं जिले से जुड़ी हुई हैं। इसलिए इनका परिवार अपने नाम में झुनझुनवाला सरनेम लगाता है। इनका परिवार मारवाड़ी अग्रवाल बनिया है।
मलसीसर के रहने वाले हैं राकेश झुनझुनवाला झुंझुनूं, पत्रिका के स्थानीय रिपोर्टर राजेश शर्मा बताते हैं कि राकेश झुनझुनवाला मूलरूप से झुंझुनूं जिला मुख्यालय से करीब 42 किलोमीटर दूर स्थित मलसीसर कस्बे के रहने वाले बताए जाते हैं। लेकिन यहाँ मलसीसर से राकेश झुनझुनवाला के दादा परिवार समेत उत्तर प्रदेश के कानपुर चले गए थे। वहां पर उन्होंने सिल्वर का कारोबार किया और सिल्वर किंग कहलाए।
इस तरह आया झनझुनवाला सरनेम दरअसल, राजस्थान में विशेष रूप से कई लोगों के नाम के साथ खास सरनेम जुड़ जाता है, जो उनकी जाति की बजाय किसी जगह विशेष या परिवार के किसी खास सदस्य की पहचान से आता है। जैसे सिंघानिया उद्योगपति मूलरूप से झुंझुनूं के सिंघाना कस्बे के हैं। उसी प्रकार से पीरामल समूह ने पीरामल सरनेम अपने दादा सेठ पीरामल के नाम से ले रखा है। इसी तरह से राकेश का परिवार मलसीसर से कानपुर जाकर बसा तो इन्हें झुंझुनूं जिले के होने के कारण झुनझुनवाला कहा जाने लगा था, जो बाद में इनका सरनेम ही बन गया।
राणी सती मंदिर में है परिवार की गहरी आस्था स्थानीय लोगों का कहना है कि झुंझुनूं जिला मुख्यालय पर श्री राणी सती दादी मंदिर है, जिसमें राकेश झुनझुनवाला के परिवार की भी गहरी आस्था है। इनका परिवार अक्सर राणी सती मंदिर आता रहता है। राणी सती को अग्रवाल बनियों की कुलदेवी भी कहा जाता है।
अपनी विरासत पर गर्व
बताया जाता है कि 1985 में जब राकेश ने पहली बार निवेश करना शुरू किया, तो उनके पास पैसे नहीं थे और उनके पिता ने उन्हें पैसे देने से इनकार कर दिया। इसके बजाय, उन्होंने राकेश से कहा कि मुंबई के वालकेश्वर में परिवार के घर में रहने के लिए उनका हमेशा स्वागत रहेगा। बताया जाता है कि राकेश के पिता ने उनसे कहा ‘यदि आप सफल नहीं होते हैं, तो आप हमेशा वापस लौट सकते हैं और 15,000 रुपये कमा सकते हैं।’
15000 रुपए कम नहीं होते थे उस समय उन दिनों को याद करते हुए राकेश कहते हैं कि हमारा परिवार एक मध्यम वर्गीय परिवार था, और 1985 में, 15,000 रुपये एक अच्छी राशि थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राकेश कहते हैं कि उन्होंने मुझे निडर होकर काम करने के लिए कहा और मुझे आशीर्वाद दिया। लेकिन राकेश ने 2008 में अपने पिता को खो दिया और अब अपनी मां, पत्नी और तीन बच्चों के साथ परिवार में रहते थे।
राकेश बताते हैं कि एक शुरुआत देने के लिए, उनके बड़े भाई राजेश, जो खुद भी एक चार्टर्ड एकाउंटेंट थे, ने उन्हें अपने कुछ ग्राहकों से पैसे उधार लेने में मदद की थी। इस तरह शेयर बाजार में राकेश ने शुरुआत उधार के पैसों के साथ की थी।
राकेश झुनझुनवाला के पिता थे IRS अधिकारी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राकेश झुनझुनवाला के पिता राधेश्याम झुनझुनवाला आईआरएस अधिकारी थे। उन्होंने कई शहरों जैसे हैदराबाद, कोलकाता व मुम्बई में आयकर आयुक्त के रूप में सेवाएं दी। ऐसे ही हैदराबाद पोस्टिंग के दौरान 5 जुलाई 1960 को राकेश का जन्म हुआ था।
माता – उर्मिला झुनझुनवाला, गृहिणी
पत्नी – रेखा झुनझुनवाला, 22 फरवरी 1987 को शादी
बेटी – निष्ठा झुनझुनवाला बेटा – आर्यमन झुनझुनवाला और आर्यवीर झुनझुनवाला
भाई – राजेश झुनझुनवाला, सीए
बहन – सुधा गुप्ता
बहन – नीना सांगानेरिया
राकेश झुनझुनवाला के पैर की चोट मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारतीय स्टॉक मार्केट इन्वेस्टर राकेश झुनझुनवाला डायबिटीज के मरीज हैं।ऐसे में उनके पैर में सूजन रहती है और वे ठीक से चल-फिर नहीं सकते हैं। इसलिए राकेश झुनझुनवाला व्हील चेयर पर नजर आते हैं। पांच अक्टूबर को राकेश झुनझुनवाला पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने आए थे, तब भी वे भी व्हील चेयर थे। सोशल मीडिया पर राकेश झुनझुनवाला का एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें वे व्हील चेयर पर बैठे बैठे ही कजरारे कजरारे गाने पर डांस कर रहे थे।