उत्तर भारत की सियासत बदलने वाले ‘राम’, पूरब में बीजेपी के लिए बनेंगे रामबाण? पश्चिम बंगाल से तो गहरा नाता – west bengal news how lord rama change state politics will bjp succeed in mamata banerjee land 2026 assembly election news

Last Updated:April 07, 2025, 05:01 IST
West Bengal News: पश्चिम बंगाल में अगले साल यानी 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं. उसे देखते हुए सियासी सरगर्मी अभी से बढ़ चुकी है. भाजपा पूर्वी भारत के इस गढ़ में पहली बार सरकार बनाने की कोशिश में जुटी है. साल…और पढ़ें
पश्चिम बंगाल में रामनवमी के मौके पर बीजेपी, आरएसएस और अन्य संगठनों की तरफ से तकरीबन 2000 शोभा यात्राएं निकाली गईं. (फोटो: पीटीआई)
हाइलाइट्स
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की राजनीति गर्माने लगी हैरामनवमी के बहाने भाजपा ने स्पष्ट राजनीतिक संकेत दे दियापूर्वी भारत के अहम राज्य में अगले साल होना है विधानसभा चुनाव
नई दिल्ली/कोलकाता. एक साल के अंदर राजनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण दो बड़े राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. एक में बीजेपी का परचम सालों से लहरा रहा है, तो दूसरे में भाजपा को अभी तक सरकार बनाने का मौका नहीं मिला है. हालांकि, पिछले एक दशक में वहां भी उम्मीद की किरण दिखाई पड़ने लगी है. ये दो राज्य हैं- बिहार और पश्चिम बंगाल. बिहार में इसी साल चुनाव होने हैं, जबकि पश्चिम बंगाल में अगले साल यानी 2026 असेंबली इलेक्शन होने वाले हैं. बिहार में बीच आने वाले राजनीतिक हिचकोलों को छोड़ दिया जाए तो तकरीबन दो दशक से सत्ता में है. वहीं, पश्चिम बंगाल में बीजेपी लगातार अपना पॉलिटिकल बेस बनाने में जुटी है. पिछले एक दशक में भाजपा को विधानसभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक में उल्लेखनीय सफलता मिली है. इस बार के रामनवमी के मौके पर बीजेपी ने पूरे बंगाल में सैकड़ों शोभा यात्राएं निकाल कर राम नाम की राजनीति को उत्तर से पूरब लाने की पुख्ता तैयारी करने के साफ संकेत दे दिए हैं.
बीजेपी ने भगवान राम के नाम का ध्वज थामकर देशभर में अपना परचम बुलंद किया है. भाजपा ने अयोध्या को अपनी राजनीति का आधार बनाया. आज के दिन देश के सबसे बड़े स्टेट उत्तर प्रदेश में बीजेपी की पूर्ण बहुमत वाली सरकार है. यूपी में बीजेपी लगातार दो बार से प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने में कामयाब रही है. इसके अलावा दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, ओडिशा जैसे राज्यों में बीजेपी की सरकार है. बीजेपी ने अपनी राजनीतिक यात्रा में सफलता दर सफलता हासिल की लेकिन राम के नाम को कभी नहीं बिसराया. अब ममता बनर्जी के गढ़ में भाजपा राम का नाम लेकर ही हुंकार भर रही है. रामनवमी के मौके पर भाजपा ने इसका स्पष्ट संकेत भी दे दिया है. भाजपा, आरएसएस और अन्य हिन्दुवादी संगठनों ने पूरे पश्चिम बंगाल में तकरीबन 2000 शोभा यात्राएं निकालीं. इनमें हजारों की तादाद में लोगों ने हिस्सा लिया. इसका राजनीतिक संकेत पूरी तरह से साफ और स्पष्ट है.
राम मंदिर की आधारशिलासाल 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले विपक्ष के नेता और नंदीग्राम से भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने पूर्वी मेदिनीपुर जिले के सोनाचूरा गांव में राम मंदिर की आधारशिला रखी. यह स्थल ऐतिहासिक महत्व रखता है, क्योंकि यह साल 2007 के भूमि अधिग्रहण विरोधी प्रदर्शनों का केंद्र था, जहां हुई गोलीबारी में कम से कम सात प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी. जय श्री राम (भगवान राम की जय) के नारों के बीच भगवा वस्त्र पहने शुभेंदु अधिकारी ने शहीद मीनार से सोनाचूरा में प्रस्तावित मंदिर स्थल तक एक रैली का नेतृत्व किया. उन्होंने कहा कि हम शांतिप्रिय लोग हैं. हम कभी ऐसा कुछ नहीं करेंगे जो कानून तोड़ने के बराबर हो.
बंगाल का भगवान राम से गहरा नातापश्चिम बंगाल में भले ही रामायण की प्रमुख घटनाएं सीधे तौर पर नहीं घटित हुई हों, लेकिन यहां कुछ ऐसे स्थल हैं जो रामायण काल से जुड़े हुए माने जाते हैं या जिनका संबंध भगवान राम या फिर हनुमान से हैं. सुश्रवण (सुश्रवणगढ़) बर्दवान ज़िला में स्थित है.माना जाता है कि यह स्थान सुग्रीव के भाई बाली द्वारा शासित था. कुछ मान्यताओं के अनुसार, राम और सुग्रीव के बीच गठबंधन का संदर्भ यहां मिलता है. इसके अलावा गंधेश्वरी मंदिर मुकरा, बांकुड़ा जिला में स्थित है. यह स्थान गंधमादन पर्वत से जुड़ा माना जाता है, जहां से हनुमान संजीवनी बूटी लाने निकले थे. यहां एक प्राचीन गंधेश्वरी देवी का मंदिर है और हनुमान जी की पूजा भी होती है. इसके अलावा गिरिधारीपुर बीरभूम जिला में है. एक किवदंती है कि राम यहां वनवास काल में कुछ समय के लिए ठहरे थे.
Location :
Kolkata,West Bengal
First Published :
April 07, 2025, 05:01 IST
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उत्तर भारत की सियासत बदलने वाले ‘राम’, पूरब में बीजेपी के लिए बनेंगे रामबाण?