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रणथम्भौर त्रिनेत्र गणेश मंदिर : आस्था और डर के बीच है खतरनाक रास्ता, संभल कर जाएं, घूम रहे हैं 14 टाइगर

Last Updated:April 18, 2025, 16:29 IST

Ranthambore Trinetra Ganesh Temple : रणथम्भौर त्रिनेत्र गणेश मंदिर के रास्ते में 14 टाइगर्स के मूवमेंट की सूचना ने श्रद्धालुओं में खौफ पैदा कर दिया है. यहां दो दिन पहले ही एक टाइगर ने हमला कर सात साल के मासूम ब…और पढ़ेंरणथम्भौर गणेश मंदिर : आस्था और डर के बीच है खतरनाक रास्ता, संभल कर जाएं

रणथम्भौरण गणेशजी के यहां रविवार और बुधवार को श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है.

हाइलाइट्स

रणथम्भौर मंदिर के रास्ते में 14 टाइगर्स का मूवमेंट है.टाइगर हमले में 7 वर्षीय बच्चे की मौत से श्रद्धालु खौफ में हैं.सुरक्षा के लिए वन विभाग को बड़े प्रबंध करने की जरूरत है.

सवाई माधोपुर. सवाई माधोपुर में स्थित रणथम्भौर त्रिनेत्र गणेश मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं पर टाइगर की ओर से किए गए हमले में मासूम बच्चे की मौत के बाद अब लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. त्रिनेत्र गणेश मंदिर का रास्ता रणथैम्भौर टाइगर नेशनल पार्क के बीचों-बीच होकर गुजरता है. रणथम्भौर गणेश धाम से लेकर रणथम्भौर दुर्ग तक लगातार टाइगर मूवमेंट बना हुआ है. विशेषज्ञों के अनुसार गणेश धाम से लेकर रणथम्भौर त्रिनेत्र गणेश मंदिर तक लगभग 14 टाइगर का मूवमेंट है. ये श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है.

पिछले बुधवार को गणेश मंदिर से दर्शन करके लौट रहे 7 वर्षीय एक बच्चे पर टाइगर ने हमला कर और उसे मौत के घाट उतार दिया था. इस घटना से पूरे राजस्थान में हड़कंप मच गया और लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया. हैरानी तो इस बात की है कि वन विभाग को पता ही नहीं कि टाइगर मूवमेंट कौन-कौन सी जगह है. यही वजह है कि बीते बुधवार को यहां बड़ी घटना हो गई.

सुरक्षा के लिहाज से बड़े प्रबंध करना यहां बेहद जरूरी हैअगर वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को पता होता कि मुख्य रास्ते के समीप ही टाइगर मूवमेंट है तो शायद यह घटना नहीं होती. ऐसे में लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठना लाजिमी है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह इलाका 14 टाइगर की टेरिटरी वाला है. ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से बड़े प्रबंध करना यहां बेहद जरूरी है.

युवा होते शावक अपनी टेरिटरी बनाने वाले हैंरणथम्भौर नेशनल पार्क के मुख्य द्वार गणेश धाम से लेकर रणथम्भौर दुर्ग और उसके आसपास बाघिन एरोहेड, बाघिन सुल्ताना और बाघिन रिद्धि तीनों के तीन-तीन शावक विचरण कर रहे हैं. इसके अतिरिक्त दो अन्य टाइगर भी इसी टेरिटरी में हैं. नौ शावक धीरे-धीरे युवावस्था की ओर बढ़ रहे हैं और वे भी अपनी टेरिटरी बनाने वाले हैं. ऐसे में इंसानी दखल को देखकर टाइगर और मानव के बीच संघर्ष होना लाजमी है. रणथम्भौर के त्रिनेत्र गणेश के प्रति श्रद्धालुओं में आस्था ऐसी है कि रास्ता बंद होने के बावजूद भी उनका आना जारी है. भले ही उन्हें द्वार पर ही धोक लगाकर क्यों न लौटना पड़े.

सब कुछ भगवान भरोसे हैरणथम्भौर त्रिनेत्र गणेश मंदिर पर यूं तो प्रतिदिन ही श्रद्धालु दर्शन करने जाते हैं. लेकिन प्रत्येक रविवार और बुधवार को श्रद्धालुओं का यहां सैलाब उमड़ता है. लेकिन वन विभाग की ओर से सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाए जाते. ऐसे में यहां सब कुछ भगवान भरोसे है. लोगों का कहना है कि बड़ी तादाद में टाइगर मूवमेंट होने के कारण रास्ते पर पैदल आवाजाही और दो पहिया वाहनों पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा देना चाहिए. इसके अलावा टैक्सी यूनियन को रोस्टर प्रणाली के अनुसार संचालित किया जाना चाहिए.

Location :

Sawai Madhopur,Sawai Madhopur,Rajasthan

First Published :

April 18, 2025, 16:29 IST

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रणथम्भौर गणेश मंदिर : आस्था और डर के बीच है खतरनाक रास्ता, संभल कर जाएं

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