RAS 2023 Success Story: प्रिंसीपल ओमप्रकाश बरवड़ ने चौथे प्रयास में पाई सफलता | Omprakash Barwad RAS 21st Rank

Last Updated:October 18, 2025, 10:33 IST
RAS Topper: चैनपुरा के मूल निवासी और नागौर में प्रिंसीपल के पद पर कार्यरत ओमप्रकाश बरवड़ ने चौथे प्रयास में RAS 2023 में एससी श्रेणी में 21वीं रैंक हासिल की. उन्होंने बिना किसी कोचिंग के, मोबाइल के माध्यम से सेल्फ-स्टडी करते हुए रोजाना 6-8 घंटे पढ़ाई कर यह सफलता प्राप्त की, जो शिक्षा विभाग के कर्मचारियों और युवाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा है.
सीकर: राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने RAS 2023 का फाइनल परिणाम जारी किया है. इस परीक्षा में सीकर जिले के चैनपुरा गांव के मूल निवासी प्रिंसीपल ओमप्रकाश बरवड़ ने एससी श्रेणी में 21वीं रैंक हासिल कर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे जिले का नाम रौशन किया है. वर्तमान में वे नागौर जिले की जायल तहसील के छापड़ा गांव स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रिंसीपल पद पर कार्यरत हैं.
ओमप्रकाश बरवड़ की यह सफलता उनकी अटूट लगन और धैर्य की कहानी है. उनका यह चौथा प्रयास था. उन्होंने बताया कि:
बचपन का लक्ष्य: बचपन से ही उनके मन में सिविल सर्विस में जाकर जनता की सेवा करने की जिद थी.
नौकरी के साथ तैयारी: शिक्षा विभाग में स्थायी पद मिलने के बाद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी. पिछले 5 साल से वे लगातार RAS की तैयारी कर रहे थे.
समय का प्रबंधन: रविवार और छुट्टियों में वे पूरा समय पढ़ाई को देते थे. प्रिंसीपल पद की ज़िम्मेदारियों के बावजूद, उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्य से समझौता नहीं किया.
बच्चों को पढ़ाने के साथ खुद भी पढ़ाई: डिजिटल माध्यम का सहारा
प्रिंसीपल पद पर कार्यरत होने के कारण ओमप्रकाश को स्कूल में अधिक समय देना पड़ता था और उन्हें छात्रों के साथ प्रशासनिक कार्य भी संभालने पड़ते थे. इसके बावजूद, उन्होंने बच्चों को पढ़ाने के साथ अपनी पढ़ाई भी जारी रखी.
नियमितता: वे रोजाना 6 से 8 घंटे तक पढ़ाई करते थे.
सेल्फ-स्टडी: सबसे खास बात यह है कि उन्होंने कोई कोचिंग नहीं ली. उन्होंने केवल मोबाइल और इंटरनेट का उपयोग कर सेल्फ-स्टडी के माध्यम से ही अपनी तैयारी की. यह साबित करता है कि आज के डिजिटल युग में, सही मार्गदर्शन और दृढ़ निश्चय हो तो महंगी कोचिंग के बिना भी सफलता हासिल की जा सकती है.
इंटरव्यू और चयन: ज्ञान और व्यवहार का परीक्षणओमप्रकाश से इंटरव्यू में उनके ज्ञान और व्यवहारिकता का परीक्षण किया गया. उन्हें विशेष रूप से शिक्षा विभाग से जुड़े प्रश्न, प्राथमिकताओं पर सवाल, और सूर्य नमस्कार व शतरंज में समानता जैसे रचनात्मक सवाल पूछे गए.
चयन की खबर मिलते ही छापड़ा स्कूल के सहकर्मियों, छात्रों और परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई. स्कूल में मिठाई बांटी गई और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गई.
प्रेरणा युवाओं के लिए: लगन से मंजिल दूर नहींओमप्रकाश बरवड़ की यह कहानी उन सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत है, जो नौकरी या पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण अपने बड़े लक्ष्य को छोड़ देते हैं. उनकी सफलता यह दिखाती है कि:
निरंतर मेहनत, सही रणनीति, आत्मविश्वास और समय का सही प्रबंधन हो तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. शिक्षा के क्षेत्र में काम करते हुए भी उन्होंने अपनी लगन से साबित कर दिया कि सिविल सर्विसेज की मंजिल दूर नहीं होती.
Location :
Sikar,Sikar,Rajasthan
First Published :
October 18, 2025, 10:28 IST
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RAS: प्रिंसीपल की मेहनत रंग लाई, चौथे प्रयास में हासिल की 21वीं रैंक