RAS Success Story: UPSC में मिली नाकामी, पर हौसलों ने दिलाया RAS में मुकाम, दादा के सपने को किया पूरा !

Last Updated:October 17, 2025, 16:57 IST
RAS Topper Success Story: पाली की याशिका कच्छवाहा ने यूपीएसई में मिली असफलताओं के बावजूद हिम्मत नहीं हारी. लगातार मेहनत और परिवार-फ्रेंड्स के समर्थन से उन्होंने आरएएस परीक्षा में 105वीं रैंक हासिल कर पाली और जोधपुर का मान बढ़ाया. उनकी कहानी संघर्ष, प्रेरणा और मोटिवेशन का प्रतीक बनकर युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गई है.
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पाली : 12वीं पास एक मोटिवेशनल फिल्म जिसमें हार नही मानूंगा लार नही ठानूंगा यह पंक्तिया हम सभी ने सुनी मगर यह केवल पंक्तिया नहीं बल्कि उन लोगों के जीवन के संघर्ष को बयां करती है जो हार मानकर बैठे नहीं बल्कि एक नए जोश के साथ दुबारा खडे़ होकर कुछ कर दिखाने की चाह रखते हैं. यही पंक्तिया सटिक बैठती है राजस्थान के पाली जिले के रानी की रहने वाली उस बेटी याशिका कच्छवाहा पर जिसने यूपीएसई की परीक्षा दी जिसमें कई असफलताएं फैस की मगर खुद को कभी टूटने नही दिया.
यही वजह है कि जब आरएएस का रिजल्ट जारी हुआ तो इसी बेटी याशिका कच्छवाहा जिसने 105वीं रैंक हासिल कर पाली और जोधपुर का मान बढाने का काम किया है. जोधपुर में सूरसागर स्थित अपने अंकल के घर रहने वाली यह बेटी जब आरएएस में चयनित हुई तो मानो घर के बाहर बधाई देने के लिए भीड उमड़ पड़ी.
यूपीएसई में मिली असफलताएं, मगर नहीं छोड़ी हिम्मत आरएएस में चयनित याशिका कच्छवाहा ने Local18 से खास बातचीत करते हुए कहा कि दादा जी का सपना था उन्होंने हमेशा मुझे इसके लिए प्रेरित किया की मैं इसकी तैयारी करू. उसके बाद मैने सबसे पहले यूपीएसई की तैयारी की उसमें काफी असफलताएं मिली मगर बाद में आरएएस की तैयारी की बाद में जब परीक्षा दी तो पहले अटैंप में ही इसको क्लियर कर पाई.
परिवार और फ्रैंड्स ने नहीं टूटने दिया हौंसला अपने परिवार और फ्रेंड्स को अपनी कामयाबी का श्रेय देना चाहूंगी क्योंकि मैंने अपने जीवन में काफी असफलताओं का सामना किया था जब मुझे लगता था अब मुझसे नहीं हो पाएगा लेकिन उन सभी ने मुझे सपोर्ट किया मेरी हिम्मत को बढाने काम किया इसलिए मैं ठान ली थी कि अब कुछ कामयाबी हासिल करके ही दिखाउंगी तो इसमें परिवार और फ्रैंड्स का काफी सपोर्ट रहा. परिवार से दूर रहते है तो आपके लिए आपके फ्रेंड्स ही आपका परिवार होते हैं. हमारा पूरा ग्रुप था उसके साथ मिलकर असफलताएं भी देखी. मगर दोस्तो ने सपोर्ट करने में कोई कमी नहीं रखी.
मेहनत और मोटिवेट रहना कामयाबी का मूलमंत्रअपनी कामयाबी का एक मूल मंत्र देते हुए याशिका ने सभी से कहा कि कभी यह अपने अंदर मत लेकर आना कि तुम हार चुके हो तुम नहीं कर सकते क्योंकि इंटेलिजेंसी जरूरी नहीं होती इसमें बस सबसे जरूरी मेहनत और मोटिवेट रहना कि हां मैं कर सकता हूं. यह सबसे बडी बात होती है. तब कहीं जाकर इस तरह के प्रतियोगी परीक्षाएं क्लियर हो पाती हैं. याशिका ने कहा कि 2 साल तक वह घर से दूर जयपुर में पीजी में रही और तैयारी की. इस दौरान मोबाइल से भी दूरी रखी. रोजाना 7 से 8 घंटे पढ़ाई करना उनके रूटीन में शामिल रहा.
परिवार ने कहा याशिका को नहीं देखा कभी टूटते हुएयाशिका के परिवारजनों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इसकी मेहनत और संघर्ष को हमने करीब से देखा है कि जब यह हार जाती थी तो अगले दिन उसी जोश के साथ वह मेहनत करती कि मुझे करना ही है. इससे बड़ी खुशी की बात हमारे लिए नहीं हो सकती कि हमारे परिवार की बेटी इस मुकाम तक पहुंची. आज पूरा परिवार और समाज इनपर गर्व कर रहा है.
रुपेश कुमार जायसवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस और इंग्लिश में बीए किया है. टीवी और रेडियो जर्नलिज़्म में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं. फिलहाल नेटवर्क18 से जुड़े हैं. खाली समय में उन…और पढ़ें
रुपेश कुमार जायसवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस और इंग्लिश में बीए किया है. टीवी और रेडियो जर्नलिज़्म में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं. फिलहाल नेटवर्क18 से जुड़े हैं. खाली समय में उन… और पढ़ें
First Published :
October 17, 2025, 16:57 IST
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पाली की याशिका कच्छवाहा ने हार को चुनौती दी, RAS 2023 में मचाया धमाका