Rath Yatra 2023 Jagannath Puri specialty of lord Jagannath chariot | Rath Yatra 2023: भगवान जगन्नाथ और बलराम के रथों की ये है खासियत, सोने की कुल्हाड़ी से काटी जाती है रथ की लकड़ी
भोपालPublished: Jun 19, 2023 07:20:36 pm
भक्त के हिस्से की बीमारी भुगतने के लिए अस्वस्थ हुए भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath) कल बिल्कुल ठीक हो जाएंगे। इसके बाद वो भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ पुरी नगर भ्रमण और मौसी के घर गुंडिचा मंदिर (gundicha temple) जाने के लिए निकलेंगे। इसके लिए तैयारियां पूरी हो गईं हैं, 20 जून को दुनिया भर के भक्त यहां पहुंचेंगे और आराध्य की नगर भ्रमण यात्रा के साक्षी बनेंगे।
जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा कल निकलेगी, जिसमें हजारों लोग शामिल होंगे।
क्या है परंपरा
दरअसल, भगवान जगन्नाथ ने प्राचीन काल में अपने भक्त को बीमारी की पीड़ा से बचाने के लिए उसके हिस्से के कर्मफल को भोगा था। इसके लिए उन्हें 15 दिन बीमार रहना पड़ा था, और एकांतवास में रहना पड़ा था। इस समय उनका इलाज किया गया था। इसी परंपरा को लेकर हर साल आषाढ़ माह में भगवान जगन्नाथ के मंदिर के कपाट 15 दिन के लिए बंद कर दिए जाते हैं। इस दौरान भगवान का विग्रह भी मंदिर में नहीं रहता है और उनका इलाज किया जाता है। जब भगवान स्वस्थ हो जाते हैं तो नगर भ्रमण पर निकलते हैं।