Rathore’s letter to Chief Minister Gehlot | राठौड़ का मुख्यमंत्री गहलोत को पत्र, रोडा एक्ट के प्रावधानों में संशोधन का लाना चाहिए प्रस्ताव
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राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा कि 5 एकड के कम कृषि भूमि नीलामी के संबंध में संवैधानिक प्रमुख राज्यपाल और राजभवन को आरोपित करने की जगह (राजस्थान संशोधन) विधेयक-2020 के स्थान पर राजस्थान कृषि ऋण संक्रिया (कठिनाई का निराकरण) अधिनियम 1974 (रोडा एक्ट, 1974) के प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव लाना चाहिए था
जयपुर
Published: January 25, 2022 08:52:47 pm
जयपुर। राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर कहा कि 5 एकड के कम कृषि भूमि नीलामी के संबंध में संवैधानिक प्रमुख राज्यपाल और राजभवन को आरोपित करने की जगह (राजस्थान संशोधन) विधेयक-2020 के स्थान पर राजस्थान कृषि ऋण संक्रिया (कठिनाई का निराकरण) अधिनियम 1974 (रोडा एक्ट, 1974) के प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव लाना चाहिए था जिससे कि प्राकृतिक आपदा व अन्य कारणों से जो किसान बैंकों से प्राप्त अल्पकालीन अवधिपार फसली ऋणों का भुगतान समय पर नहीं कर पाते है उनकी 5 एकड़ तक की कृषि भूमि की कुर्की/ विक्रय होने से बच सके।
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Rajendra Rathore
राठौड़ ने कहा कि, ‘राज्य के संवैधानिक प्रमुख राज्यपाल व राजभवन की संसदीय परम्पराओं के विपरीत राज्य सरकार की ओर से कर्जमाफी की गई। आधी-अधूरी घोषणा के परिणामस्वरूप प्रदेश के हजारों किसानों की जमीनों की नीलामी से उत्पन्न विवाद में राजस्थान सिविल प्रक्रिया (राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020 के माध्यम से किसानों की 5 एकड़ तक की कृषि भूमि की नीलामी नहीं होने का संशोधन राजभवन में लम्बित होने को लेकर आरोपित किया गया है।
क्या हुआ कल्ला समिति का—
राजेन्द्र राठौड़ ने पत्र में कहा है कि मुख्यमंत्री की राष्ट्रीयकृत बैंक, अधिसूचित बैंक व ग्रामीण बैंकों से 2 लाख रूपए तक के 30 नवम्बर 2018 तक के अल्पकालीन अवधिपार ऋण की माफी के लिए वन टाईम सेटलमेंट के लिए कमर्शियल बैंक व केन्द्र सरकार से परामर्श कर ऋण माफी के लिए वर्ष 2019-20 के बजट भाषण के पैरा 25 व बजट 2021-22 के बजट भाषण के पैरा 68 तथा राज्यपाल अभिभाषण वर्ष 2019 के पैरा 11 व वर्ष 2020 के पैरा 27 के माध्यम से समाधान किए जाने का आश्वासन दिया था। इसके बाद राज्य के किसानों को गुमराह करने के लिए बी.डी. कल्ला की अध्यक्षता में राष्ट्रीयकृत बैंक, अधिसूचित बैंक व ग्रामीण बैंकों के ऋणी किसानों का वन टाइम सेटलमेंट करने के लिए सरकार को सुझाव देने के लिए बनाई गई कल्ला कमेटी की दर्जनों बैठक व दक्षिणी राज्यों के दौरे के बाद तथा 3 साल बाद भी अनिर्णित रहना किसानों के साथ धोखा है।
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