कोटा: 3D मॉडल में खड़े होगा रावण का परिवार, पुतलों को खड़ा करने में आता है तकरीबन 21 लाख रुपए का खर्च
शक्ति सिंह/ कोटा: कोटा के लोग राष्ट्रीय दशहरा मेले का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. इस साल 12 अक्टूबर को रावण दहन होगा, जिसमें विशेष रूप से 3D मॉडल में रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले प्रदर्शित किए जाएंगे. ये पुतले अत्यंत आकर्षक होंगे और इनमें गर्दन घुमाने, मुंह चलाने, पलकें झपकाने, तलवार घुमाने और ठहाके लगाने की क्षमता होगी. इन पुतलों का निर्माण दिल्ली के कारीगरों द्वारा किया जा रहा है.
पुतलों का निर्माणरावण बनाने वाले कारीगर अनीश ने बताया कि वह हर साल कोटा के दशहरा मैदान में पुतले बनाने आते हैं. इस बार रावण परिवार के पुतले 7 से 8 क्विंटल वजनी होंगे, जिसमें 500 बांस, लगभग तीन क्विंटल पेपर, डेढ़ से 2 क्विंटल जूट की रस्सी और 1 से 1.5 क्विंटल आटे की लई का उपयोग किया जाएगा. इन पुतलों को तैयार करने में लगभग 40 दिन का समय लगता है. खास बात यह है कि इन पुतलों पर वाटरप्रूफ पेपर लगाया जा रहा है ताकि बारिश के दौरान पुतले खराब न हों.
पुतलों के आकार और लागतइस साल रावण का पुतला 80 फीट ऊँचा होगा, जबकि कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले 60 फीट के होंगे. अनीश ने बताया कि 2019 में सबसे बड़ा रावण का पुतला 101 फीट का बनाया गया था. कारीगरों का लक्ष्य इस बार भी एक खूबसूरत रावण तैयार करना है.
आर्थिक पहलूकोटा में रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतलों को खड़ा करने का खर्च काफी अधिक होता है. दशहरा मैदान में विजय श्री रंगमंच पर इन पुतलों का स्ट्रक्चर खड़ा किया जाता है, जिसके लिए लगभग 250 अधिकारियों, कर्मचारियों और श्रमिकों की जान जोखिम में रहती है. इस बार तीनों पुतलों के निर्माण में 7.50 लाख रुपए खर्च होंगे, जबकि उन्हें खड़ा करने में 8.50 लाख रुपये का खर्च आएगा. कुल मिलाकर इस साल का खर्च 21 लाख रुपए के आस-पास होगा.
इसके अतिरिक्त, पुतले खड़ा करने के लिए बॉस और बल्लियों से बने पेड़ियों पर 4 लाख रुपए खर्च होंगे. हर साल रावण दहन के कारण लोहे की सीढ़ियों को मरम्मत की आवश्यकता होती है, जिसमें 2 लाख रुपए से अधिक का खर्च आता है. भारी क्षमता वाली क्रेन का एक दिन का किराया लगभग 1 लाख रुपए होता है, और ऑटोमेटिक जलाने के सिस्टम पर भी 1 लाख रुपए का खर्च आता है.
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FIRST PUBLISHED : September 30, 2024, 20:55 IST