अमेरिका में मान्यता, नेपाल में पहचान…पर भारत में इंतजार! कब मिलेगी राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता

Agency: Rajasthan
Last Updated:February 21, 2025, 16:36 IST
राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए जोधपुर के महाराजा गजसिंह और अमेरिका में प्रेम भंडारी लगातार प्रयासरत हैं. जेएनवीयू के गजेसिंह राजपुरोहित भी धरना प्रदर्शन कर चुके हैं. उम्मीद है जल्द मान्यता मिलेगी.X
राजस्थानी भाषा
हाइलाइट्स
राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए प्रयास जारी.अमेरिका में प्रेम भंडारी भी कर रहे संघर्ष.जल्द संवैधानिक मान्यता मिलने की उम्मीद.
जोधपुर:- राजस्थानी भाषा की समृद्धि जिन तरीकों से आठ करोड़ राजस्थानियों को समृद्ध बनाने का काम कर रही है, उनमें जोधपुर के राजघराने की महत्वपूर्ण भूमिका है. खुद राज परिवार के मुखिया महाराजा गजसिंह राजस्थानी में ही अपनी बात कहते हैं और जिन तरीकों से वे खुद लगातार कोशिश कर रहे हैं कि उनसे एक बड़ा माहौल बना हुआ है. इसके अलावा सात समंदर पार अमेरिका में एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका के अध्यक्ष प्रेम भंडारी भी लगातार कोशिश कर रहे हैं.
उम्मीद है कि जल्द से जल्द इसकी मान्यता मिलेगी. इसमें सोचने वाली बात यह है कि अमेरिका में इस भाषा को मान्यता मिल चुकी है, मगर अपने देश में इसको आज भी मान्यता का इंतजार है. जेएनवीयू राजस्थानी विभाग के विभागाध्यक्ष गजेसिंह राजपुरोहित भी लगातार धरना प्रदर्शन इसकी मान्यता की मांग को उठा चुके हैं.
राजपरिवार भी लगातार कर रहा कोशिशजोधपुर राजघराना एक ऐसा राजघराना है, जो जनता से सीधा जुड़ रहा है. जो जोधपुर की समस्याओं के समाधान के लिए पूर्व महाराजा गजसिंह अपनी पत्नी पूर्व महारानी हेमलता राजे के साथ जिन तरीकों से समस्याओं के समाधान की कोशिश कर रहे हैं, उनमें अगर बात राजस्थानी भाषा की मान्यता की करें, तो वे लगातार इन तरीकों से दिल्ली के वोट क्लब के माध्यम से धरना दे रहे हैं और आज तक अपनी इस मांग को उठाए हुए हैं. देश में कितने ही प्रधानमंत्री आए, केंद्रीय मंत्री आए, सांसद आए, मुख्यमंत्री आए, सब से संपर्क में रहे और मांग करते रहे हैं.
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विदेश में बैठे एनआरआई भी कर रहे संघर्षजोधपुर के जन्मे प्रेम भंडारी जो कि एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका के चेयरमैन हैं, वे राजस्थानी भाषा संघर्ष समिति के अंतरराष्ट्रीय संयोजक भी हैं. वे लगातार इस भाषा की मान्यता के संघर्ष के लिए जुटे हुए हैं. हर स्तर पर अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति तक अपनी बात न्यूयॉर्क और भारत में कह चुके हैं. उम्मीद है पूर्व महाराजा गजसिंह और राणा के अध्यक्ष प्रेम भंडारी के प्रयास रंग लाएंगे और जल्द से जल्द संवैधानिक मान्यता का आदेश आएगा.
Location :
Jodhpur,Rajasthan
First Published :
February 21, 2025, 16:36 IST
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राजस्थानी भाषा को मान्यता कब? देश में इंतजार, विदेश में पहचान