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नगर निगम ने कतरे नेताओं के पर, अब सेनेटाइजेशन के नाम पर नहीं कर सकेंगे नेतागिरी, जानिये वजह Rajasthan News-Jaipur News-Jaipur Greater Municipal Corporation-Leaders will no longer be able to do politics in name of sanitization

निगम के अग्निशमन वाहनों से सेनेटाइजेशन का काम अब केवल कंटेनमेंट जोन में ही किया जायेगा.

निगम के अग्निशमन वाहनों से सेनेटाइजेशन का काम अब केवल कंटेनमेंट जोन में ही किया जायेगा.

Jaipur Greater Municipal Corporation’s Order: जयपुर ग्रेटर नगर निगम ने एक आदेश जारी कर नेताओं के नेतागिरी वाले कृत्यों पर अंकुश लगा दिया है. अब निगम स्थानीय समितियों के अध्यक्षों, सदस्यों और पार्षदों को सेनेटाइजेशन के लिये दमकलें उपलब्ध नहीं करवायेगा.

जयपुर. कोरोना महामारी के भयानक दौर में आग बुझाने वाली दमकलों (Fire Brigade) से अपनी राजनीतिक प्यास बुझाने वाले नेताओं के मंसूबों पर पानी फिर गया है. कोरोना काल में अब राजधानी जयपुर के ग्रेटर नगर निगम (Jaipur Greater Municipal Corporation) क्षेत्र में कोई भी नेता सेनेटाइजेशन के नाम पर दमकलों के साथ फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर अपलोड नहीं कर पायेगा.

जयपुर ग्रेटर नगर निगम ने ऐसे नेताओं के पर कतर दिये हैं. अब पार्षदों, समिति सदस्यों और अन्य नेताओं को निगम की ओर से दमकलें नहीं उपलब्ध करायी जायेंगी. दमकल से सेनेटाइजेशन काम सिर्फ कंटेनमेंट जोन में ही हो सकेगा. बाकी जगह सेनेटाइजेशन का काम सिर्फ पार्षदों को दी गई नेपसेक स्प्रे मशीन या स्वास्थ्य शाखा की ओर से करवाई जाने वाली व्यवस्था से हो सकेगा.

यह जारी किया गया है आदेश

दरअसल ग्रेटर नगर निगम की फायर शाखा के उपायुक्त हर्षित वर्मा ने एक आदेश जारी किया है. इसमें कहा गया है कि अग्निशमन वाहनों से सेनेटाइजेशन का काम केवल कंटेनमेंट जोन में ही किया जायेगा. इसके लिये जोन उपायुक्त या इन्सीडेन्ट कमांडर की अनुशंषा पर सेनेटाइजेशन का कार्य नगर निगम ग्रेटर क्षेत्र में करवाया जाएगा. इसके अतिरिक्त सभी प्रकार का सेनेटाइजेशन कार्य पार्षदों को उपलब्ध नेपसेक मशीन के द्वारा अथवा स्वास्थ्य शाखा द्वारा संचालित डोर-टू-डोर सेनेटाइजेशन के माध्यम से करवाया जाएगा.आदेश के पीछे यह है बड़ी वजह

ग्रेटर नगर निगम से जुड़े जानकार बताते हैं कि ये फैसला इसलिए लिया गया है कि दमकले सीमित हैं. जबकि ग्रेटर इलाके में वार्ड 150 हैं. ऐसे में एक वक्त में सब वार्डों को कवर कर पाना मुश्किल हैं. वहीं कई पार्षद, समिति सदस्य और अन्य नेता सेनेटाइजेशन के नाम पर दमकल बुलाते हैं और उसके साथ फोटो खिंचवाते हैं। बाद में उन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड कर वाहवाही लूटते हैं.

विवाद का कारण भी बनता है

यही नहीं सोशल मीडिया पर फोटो अपलोड करना विवाद का कारण भी बनता है. क्योकि जो भी नेता दमकल के साथ फोटो अपलोड करता है तो उसके प्रतिद्वन्दी भी फिर दमकल की मांग करते हैं. ऐसे में निगम के अधिकारी पसोपेश में फंस जाते हैं कि वे चुनाव जीते हुए पार्षद के कहने पर दमकल भिजवाये या फिर सत्तारूढ़ दल से जुड़े नेताओं को.





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