98 साल पहले महाराजा गंगा सिंह का Religious Freedom Act | बीकानेर धर्म परिवर्तन एक्ट

Last Updated:October 26, 2025, 09:31 IST
Religious Freedom Act: बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह जी ने 1927 में धर्म परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए धार्मिक स्वतंत्रता एक्ट लागू किया था. इस एक्ट के तहत जबरन, लोभ या दबाव से धर्म परिवर्तन कराने पर पाँच साल की कैद और हजारों रुपए का जुर्माना का प्रावधान था. यह कानून उस समय के लिए बेहद सख्त माना जाता था और महाराजा की दूरदर्शी सोच को दर्शाता है.
बीकानेर. राजस्थान में धर्म परिवर्तन को लेकर हाल ही में लागू हुए गैरकानूनी धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2025 के बनने से बहुत पहले ही, बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह जी ने करीब 98 साल पहले धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए एक सख्त कानून बना दिया था. यह कानून धार्मिक स्वतंत्रता एक्ट, 1927 के नाम से जाना जाता है और उस समय इसे पूरे बीकानेर रियासत में लागू किया गया था. यह कानून महाराजा गंगा सिंह जी की दूरदर्शी और न्यायप्रिय शासन प्रणाली का प्रतीक है.
डॉ. नितिन गोयल, राजस्थान प्राच्या विद्या प्रतिष्ठान बीकानेर के वरिष्ठ अनुसंधान अधिकारी और राजस्थान राज्य अभिलेखागार के पूर्व निदेशक बताते हैं कि महाराजा गंगा सिंह जी की दूरदर्शी सोच ने इस एक्ट को लागू करवाया. यह कानून धर्म परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए कड़े प्रावधान रखता था:
नाबालिगों का संरक्षण: इस एक्ट के तहत अगर कोई व्यक्ति नाबालिग (21 वर्ष से कम) का जबरन, दबाव या लोभ देकर धर्म परिवर्तन करवाता था, तो उसके लिए एक हजार रुपए का जुर्माना और सजा का प्रावधान था.
सामूहिक धर्म परिवर्तन पर रोक: यदि किसी विशेष वर्ण या समुदाय के लोगों का सामूहिक रूप से धर्म परिवर्तन करवाया जाता, तो वह धर्म परिवर्तन रद्द माना जाता था.
सख्त सजा: ऐसे अपराध करने वाले व्यक्ति को पाँच साल की कैद और पांच हजार रुपए का भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता था.
कानून की प्रभावशीलता और दूरदर्शितायह एक्ट उस समय के लिए बेहद सख्त माना जाता था. 1927 में एक हजार या पांच हजार रुपए का जुर्माना आज के लाखों रुपए के बराबर था, जो एक बड़ी सजा मानी जाती थी. महाराजा गंगा सिंह जी ने इस कानून के जरिए यह सुनिश्चित किया कि धर्म परिवर्तन केवल व्यक्तिगत इच्छा और स्वतंत्रता के तहत ही हो. इसका उद्देश्य किसी भी प्रकार के दबाव, लोभ या जबरदस्ती से होने वाले धर्म परिवर्तन को रोकना था, ताकि सामाजिक संतुलन और सौहार्द बना रहे.
धार्मिक स्वतंत्रता और संरक्षणविशेषज्ञों के अनुसार, यह कानून मुख्य रूप से हिंदू धर्म को छोड़कर मुस्लिम या कैथोलिक धर्म अपनाने वाले मामलों पर लागू होता था. महाराजा गंगा सिंह जी की यह दूरदर्शिता और न्यायप्रिय दृष्टिकोण उनकी शासन प्रणाली में एक अनूठा कदम माना जाता है, जो उनकी प्रजा को धार्मिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करने और समाज को नियंत्रित करने वाला एक प्रगतिशील कानून था.
Location :
Bikaner,Bikaner,Rajasthan
First Published :
October 26, 2025, 09:09 IST
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98 साल पहले महाराजा गंगा सिंह ने धर्म परिवर्तन पर लगाया था अंकुश…



