Rajasthan

महाराष्ट्र संकट : अटक गया विकास कार्य

महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार भले ही संकट में हो पर इसमें शामिल एनसीपी और कांग्रेस के मंत्रियों ने पिछले चार दिनों में विकास कार्यों के लिए हजारों करोड़ रुपए जारी करने के आदेश जारी किए हैं। ज्यादातर विभाग इन्हीं दोनों के पास हैं। 20 से 23 जून के बीच, विभागों ने 182 सरकारी संकल्प (जीआर) जारी किए, जबकि 17 जून को उन्होंने 107 ऐसे जीआर पारित किए।

इन आदेशों को सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर देखा जा सकता है। भाजपा एमएलसी प्रवीण दारेकर ने राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी को पत्र लिख कर सरकार के ऐसे फैसलों पर रोक लगाने की मांग की है। शिंदे का विद्रोह 21 जून की सुबह सार्वजनिक हुआ पर, उनकी बढ़ती बेचैनी को शिवसेना के सहयोगी राकांपा और कांग्रेस ने भांप लिया था।

सूत्रों ने बताया कि राकांपा प्रमुख शरद पवार ने यहां तक दावा किया था कि उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को शिंदे और कुछ विधायकों के संभावित बागी होने के बारे में बताया था। सत्ताधारी साझेदारों को आभास हो गया था कि क्या हो रहा है। जीआर जारी करने में आई तेजी को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।

कई दलों में हुई है बगावत

सियासी दलों में बगावत कोई नई बात नहीं है। सबसे ज्यादा टूट कांग्रेस में हुई है। कई दल बंटवारे का दंश झेल चुके हैं। हालिया मामला लोक जनशक्ति पार्टी का है। रामविलास पासवान की विरासत के लिए उनके बेटे चिराग व चाचा पारस आमने-सामने हो गए। सांसदों की संख्या के आधार पर लोजपा पर पारस का कब्जा हो गया। पार्टी का चुनाव चिह्न किसे मिलेगा, यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है।

सपा में भी बगावत हो चुकी है। भतीजे अखिलेश से नाराज चाचा शिवपाल ने अलग पार्टी बना ली। चुनाव चिह्न की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अखिलेश को साइकिल मिल गई। एनटीआर के निधन के बाद तेलुगू देशम पार्टी में भी बगावत हुई थी। पार्टी पर चंद्रबाबू नायडू काबिज हो गए। नायडू को सत्ता जरूर मिली, मगर फिलहाल बैकफुट पर हैं। वाइएसआर कांग्रेस, एनसीपी, टीएमसी आदि कांग्रेस से अलग हुए दल हैं।

जलापूर्ति विभाग ने जारी किए 84 जीआर
शिवसेना के गुलाबराव पाटिल की अध्यक्षता वाले जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग ने 17 जून को एक ही दिन में 84 से अधिक जीआर जारी किए। अधिकांश आदेश धन की मंजूरी, प्रशासनिक मंजूरी और विभिन्न जलापूर्ति योजनाओं पर काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन से संबंधित थे।

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