Reuse Cooking Oil After Frying Puri Tips

Last Updated:November 01, 2025, 11:59 IST
Tips and Tricks: भीलवाड़ा में घरों में पूड़ी तलने के बाद बचा तेल अक्सर फेंक दिया जाता है या बार-बार गर्म किया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. हालांकि, यदि इसे सही तरीके से छाना और कांच की बोतल में ठंडा करके रखा जाए, तो यह सुरक्षित रूप से दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है. इस तेल का उपयोग केवल तड़का लगाने या पराठे सेंकने जैसे हल्के कामों में करें और इसे दो बार से अधिक गर्म न करें. यह तरीका आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाए बिना बर्बादी रोकने और बचत करने में मदद करता है.
भीलवाड़ा. आमतौर पर देखा जाता है कि घर में कोई छोटा प्रोग्राम हो या बड़ा कार्यक्रम, जिसमें महमानों के लिए पुड़ियाँ बनाई जाती हैं. लेकिन पूड़ी तलने के बाद काफी मात्रा में तेल बच जाता है. कई लोग इसे या तो फेंक देते हैं या बार-बार गरम करके इस्तेमाल करते हैं, जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. इस प्रकार, बचे हुए तेल का प्रबंधन एक समस्या है. लेकिन अगर इस तेल को सही तरीके से छाना और रखा जाए, तो यह दोबारा इस्तेमाल के लायक बन सकता है और बर्बादी भी नहीं होगी. इस तरह, तेल को सुरक्षित तरीके से रीसायकल करना स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए फायदेमंद होता है.

सबसे पहले ध्यान देने वाली बात यह है कि तेल को तलने के तुरंत बाद छानना नहीं चाहिए. जब तक तेल पूरी तरह ठंडा न हो जाए, उसे छानने की गलती न करें. गरम तेल को छानने से उसका स्वाद और पौष्टिकता दोनों कम हो जाते हैं. इसके अलावा, गरम तेल को छानना सुरक्षा की दृष्टि से भी जोखिम भरा हो सकता है. इसलिए, तेल को कमरे के तापमान तक ठंडा होने के बाद ही छानें, ताकि उसकी गुणवत्ता बनी रहे और वह दोबारा इस्तेमाल के लिए सुरक्षित हो.

जब तेल पूरी तरह से ठंडा हो जाए, तब उसे बारीक छलनी या मलमल के कपड़े (Muslin Cloth) की मदद से छानना चाहिए. यह प्रक्रिया अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे तेल में मौजूद जले हुए टुकड़े, आटे के कण या अन्य अवशेष (जो तलने के दौरान गिर जाते हैं) अलग हो जाएंगे. इस प्रकार, साफ किया गया तेल ज्यादा समय तक टिकता है, उसकी गुणवत्ता बनी रहती है, और अगली बार इस्तेमाल में भी खराब स्वाद नहीं देता है, जिससे भोजन स्वादिष्ट बना रहता है.

छने हुए तेल को हमेशा स्टील या कांच के एयरटाइट डिब्बे में ही रखना चाहिए. प्लास्टिक के कंटेनर में रखने से बचना चाहिए, क्योंकि प्लास्टिक के संपर्क में आने पर तेल में रासायनिक बदलाव हो सकता है, जो सेहत के लिए नुकसानदेह होता है. भंडारण के लिए, इसे धूप या गैस के पास रखने की बजाय ठंडी और अंधेरी जगह पर रखें, ताकि इसकी क्वालिटी लंबे समय तक बनी रहे. इसके अतिरिक्त, यह भी ध्यान रखें कि हर बार एक ही तरह के तेल को एक ही कंटेनर में रखें, जैसे सरसों का तेल सरसों के साथ और रिफाइंड तेल रिफाइंड के साथ. ऐसा करने से तेल का स्वाद और खुशबू खराब नहीं होती, और अगली बार बनाया गया खाना भी स्वादिष्ट बनता है.

दोबारा इस्तेमाल करने से पहले तेल को सूंघना बहुत ज़रूरी है. अगर तेल से खट्टी या जली हुई गंध आती है, तो यह दर्शाता है कि उसकी गुणवत्ता बहुत खराब हो चुकी है, और उसे फेंक देना ही बेहतर है. केवल साफ और ताज़ा गंध वाला तेल ही आप सब्जी या पराठा तलने में इस्तेमाल कर सकते हैं. हालाँकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह है कि एक ही तेल को दो बार से ज़्यादा गरम करने से बचें. तेल को बार-बार गरम करने से उसमें हानिकारक ट्रांस फैट और टॉक्सिन्स (विषाक्त पदार्थ) बन जाते हैं, जो लंबे समय में सेहत को नुकसान पहुँचाते हैं.

एक ही तेल को बार-बार गरम करने से उसमें ट्रांस फैट की मात्रा बढ़ जाती है, जो दिल और लीवर जैसे महत्वपूर्ण अंगों के लिए हानिकारक होता है. इसलिए, तेल को दोबारा इस्तेमाल करने की सीमा का ध्यान रखना आवश्यक है. यदि तेल बहुत ज़्यादा गंदा हो गया हो या उसमें से दुर्गंध आ रही हो, तो उसे सीधे नाली में फेंकने की बजाय, आप उसे मिट्टी में मिलाकर पौधों के गमले में डाल सकते हैं. इस तरह के पुराने तेल का उपयोग मिट्टी में करने से कीड़े-मकोड़े दूर रहते हैं, और यह पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने का एक सुरक्षित तरीका है.
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November 01, 2025, 11:59 IST
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