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Last Updated:December 20, 2025, 21:45 IST
RJS Result 2025: आरजेएस रिजल्ट 2025 में जोधपुर की सूर्या परिहार ने 17वीं रैंक हासिल कर राजस्थान न्यायिक सेवा में चयनित होकर जिले का नाम रोशन किया है. रोजाना करीब 15 घंटे की कड़ी पढ़ाई और अनुशासन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया. सूर्या ने अपने दादा का अधूरा सपना पूरा किया, जिनका हमेशा से सपना था कि परिवार से कोई न्याय सेवा में जाए. उनकी सफलता आज हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई है.
जोधपुर: कहते हैं कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती और इस कहावत को सच कर दिखाया है जोधपुर की बेटी सूर्या परिहार ने मन में सिर्फ एक ही सपना था जज बनना. इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने संकल्प लिया और बिना रुके लगातार प्रयास करती रहीं. तीन बार परीक्षा दी, दो बार असफलता मिली, लेकिन हौसला नहीं टूटा.आखिरकार तीसरे प्रयास में 17 रैंक हासिल कर उन्होंने सफलता हासिल कर ली और आज न्यायिक सेवा में चयनित होकर न सिर्फ अपने परिवार बल्कि पूरे जोधपुर का नाम रोशन किया है.राजस्थान न्यायिक सेवा में चयन के बाद सूर्या परिहार के परिवार में खुशियों की लहर दौड़ गई.
इस सफलता की खुशी इतनी गहरी है कि उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है. कभी खुशी से आंखें नम हो जाती हैं तो कभी माता-पिता को देखकर गर्व से सीना चौड़ा हो जाता है. सूर्या बताती हैं कि यह सिर्फ उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि पूरे परिवार का और दादा जी का सपना था, जो आज साकार हुआ है.
सूर्या परिहार ने बताया कि यह उनका तीसरा प्रयास था. पहले प्रयास में प्री परीक्षा और दूसरे में मुख्य परीक्षा क्लियर नहीं हो पाई थी. तीसरे प्रयास में इंटरव्यू को लेकर भी संशय बना हुआ था, लेकिन ईश्वर की कृपा से परिणाम उनके पक्ष में आया. उन्होंने कहा कि परिवार, दोस्तों और विशेष रूप से दादाजी को खुश देखकर उनकी खुशी कई गुना बढ़ गई, क्योंकि सभी को उन पर पूरा भरोसा था कि वह यह मुकाम जरूर हासिल करेंगी.
15 घंटे की मेहनत ने बदली किस्मतउन्होंने आगे बताया कि इस सफलता के पीछे कई वर्षों का संघर्ष और त्याग छिपा है. पिछले तीन–चार सालों में उन्होंने सामाजिक जीवन लगभग छोड़ दिया था और पारिवारिक कार्यक्रमों में भी शामिल हो पाईं. परीक्षा की तैयारी के दौरान वह रोजाना 15–16 घंटे तक पढ़ाई करती थीं. इसके साथ ही दादाजी की दवाइयों और देखभाल की जिम्मेदारी भी निभाती रहीं.
अगर ड्रीम है तो सैक्रिफ़ाइस जरूरी हैसूर्या परिहार का मानना है कि अगर सपना बड़ा हो तो त्याग करना ही पड़ता है. उन्होंने कहा,अगर ड्रीम है तो सैक्रिफ़ाइस करना पड़ेगा. बिना त्याग के कुछ नहीं मिलता. या तो उतने ही सपने देखिए जितनी मेहनत आप कर सकते हैं, और अगर मेहनत करने का हौसला है तो बड़े सपने जरूर देखिए, क्योंकि यही संघर्ष आगे चलकर सफलता की सबसे मजबूत नींव बनता है.
About the AuthorJagriti Dubey
With more than 6 years above of experience in Digital Media Journalism. Currently I am working as a Content Editor at News 18 in Rajasthan Team. Here, I am covering lifestyle, health, beauty, fashion, religion…और पढ़ें
Location :
Jodhpur,Rajasthan
First Published :
December 20, 2025, 21:45 IST
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RJS Result 2025: 15 घंटे की मेहनत लाई रंग! जोधपुर की सूर्या परिहार बनीं जज



