हर साल पूर्वी राजस्थान में होता है यह दंगल, 121 किलो की होती है नाल, एक हाथ से उठाकर तान देते हैं सीधे पहलवान

Last Updated:March 17, 2025, 13:14 IST
Karauli News: राजस्थान के करौली में होली की भाई दूज के अवसर पर हर साल एक नाल दंगल का आयोजन होता है. इस दंगल में पहलवान 1 क्विंटल 21 किलो की तक की नाल एक हाथ से उठाते हैं. स्थानीय युवा देवेंद्र गुर्जर का कहना है…और पढ़ेंX
नाल दंगल करौली
हाइलाइट्स
करौली में हर साल होली की दूज पर नाल दंगल होता हैपहलवान 1 क्विंटल 21 किलो की नाल एक हाथ से उठाते हैंयह दंगल गुर्जर समाज के शौर्य का प्रतीक है
करौली. राजस्थान के करौली में होली की भाई दूज के अवसर पर हर साल एक ऐसा दंगल होता है, जिसे देखने के लिए गुर्जर समाज का भारी हुजूम उमड़ पड़ता है. हर साल यह विशाल नाल दंगल करौली के मेला ग्राउंड परिसर में परंपरा अनुसार आयोजित किया जाता है. जानकारों का कहना है कि यह नाल दंगल मेला ग्राउंड परिसर में राजाशाही जमाने से होता आ रहा है. बता दें, कि करौली के इस नाल दंगल में होली की भाईदूज के अवसर पर सालभर खाली रहने वाला मेला ग्राउंड दर्शकों की भीड़ से खचाखच भर जाता है. इस दंगल को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. होली की दूज वाले दिन तो मेला ग्राउंड परिसर में इस विशाल दंगल के कारण लोगों को पैर रखने तक की जगह नहीं मिल पाती है.
इस बारे में दंगल समिति के सदस्य व्याख्याता अमर सिंह गुर्जर ने कहा, कि हर साल यह दंगल होली की दूज के अवसर पर गुर्जर समाज 12 गांव अथाई चटीकना की ओर से आयोजित किया जाता है. उनका कहना है कि यह विशाल नाल दंगल करौली में राजशाही जमाने से आज तक लगातार होता आ रहा है.
पहलवान उठाते हैं 1 क्विंटल 21 किलो तक की नाल करौली में परंपरा अनुसार होने वाले इस नाल दंगल में देशभर से आए हुए अनेक प्रांतो के पहलवान 60 किलो से लेकर एक क्विंटल 21 किलो तक की नाल एक हाथ से हवा में तानते हैं. आयोजन कमेटी के अनुसार होली की दूज पर लगने वाले इस नाल दंगल में राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और जम्मू कश्मीर तक के कई केसरी पहलवान नाल उठाने के लिए आते हैं.
जोश, जुनून के साथ होता है दंगल का आयोजन व्याख्याता अमर सिंह गुर्जर ने बताया, कि इस नाल दंगल की खासियत यह है कि – गुर्जर समाज के युवा, पंच पटेल और बुजुर्ग सभी लोग इस नाल दंगल को हर साल बड़े ही जोश और जुनून के साथ आयोजित करवाते हैं. आगे वे कहते हैं, कि यह दंगल एक अनुशासित दंगल है.
नाल के वजन के अनुसार मिलता है इनामआपको बता दें, कि इस नाल दंगल में पहलवानों को इनाम नाल के वजन के अनुसार दिया जाता है. जितना नाल का वजन होता है उसी के अनुसार पहलवान को इनाम दिया जाता है. बता दें, कि भारी और बड़ा इनाम जीतने के लिए, और दंगल का केसरी पहलवान बनने के लिए, पहलवान को इस दंगल की सबसे भारी भरकम नाल उठानी पड़ती है. जिसका वजन लगभग 1 क्विंटल 21 किलो रहता है.
गुर्जर समाज के शौर्य का प्रतीक है यह दंगलस्थानीय युवा देवेंद्र गुर्जर का कहना है, कि मेला ग्राउंड में होने वाला यह नाल दंगल, गुर्जर समाज के शौर्य का प्रतीक है. इस दंगल में नाल उठाने के लिए युवा सालभर जमकर मेहनत करते हैं और फिर इसी दंगल में अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हैं. आयोजन कमेटी का कहना है, कि करौली शहर के इस नाल दंगल में पिछले कई सालों से देखा जा रहा है कि पहलवानों की संख्या भी हर साल बढ़ती जा रही है. इतना ही नहीं लोगों के बीच भी इस दंगल को देखने के लिए उत्सुकता रहती है. इस दंगल को देखने के लिए लोग सालभर तक इंतजार करते है. लोग इस दंगल को देखने के लिए पेड़ों तक पर चढ़ जाते हैं.
Location :
Karauli,Rajasthan
First Published :
March 17, 2025, 13:14 IST
homerajasthan
हर साल करौली में होता है यह दंगल, 121 किलो की होती है नाल, तान देते हैं पहलवान