Rajasthan

RPSC Junior Accountant Arrested Taking Bribe In Ajmer – RPSC का कनिष्ठ लेखाकार एक लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जयपुर तृतीय की टीम ने शुक्रवार शाम को कांकरिया गांव में कार्रवाई करते हुए राजस्थान लोक सेवा आयोग के कनिष्ठ लेखाकर सज्जान सिंह गुर्जर को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया।

By: kamlesh

Published: 09 Jul 2021, 09:37 PM IST

जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जयपुर तृतीय की टीम ने शुक्रवार शाम को कांकरिया गांव में कार्रवाई करते हुए राजस्थान लोक सेवा आयोग के कनिष्ठ लेखाकर सज्जान सिंह गुर्जर को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। आरोपी ने 23 लाख रुपए की रिश्वत की डिमांड की थी। जिस पर एसीबी ने एक लाख रुपए भारतीय मुद्रा के अलावा 22 लाख रुपए की डमी मुद्रा का इस्तेमाल करते हुए परिवादी के हाथ आरोपी को उसके किराए के मकान के बाहर थमाए। एसीबी की कार्रवाई की भनक लगते ही आरोपी ने पड़ोस की छत पर नकदी फेंक दी। जिसे एसीबी ने बटोर आरोपी को दबोच लिया।

एसीबी महानिदेशक भगवानलाल सोनी ने बताया कि एसीबी की जयपुर-तृतीय इकाई को परिवादी ने शिकायत दी गई कि आर.ए.एस. प्रतियोगी परीक्षा-2018 के साक्षात्कार में अच्छे अंक दिलवाने व सलेक्शन कराने की एवज में आरपीएससी के कनिष्ठ लेखाकर सज्जन सिंह गुर्जर की ओर से 25 लाख रुपए की रिश्वत राशि मांगी जा रही है। इस पर एसीबी जयपुर तृतीय इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुलदीप के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन किया गया। शुक्रवार शाम को पुलिस उपअधीक्षक सुरेश कुमार स्वामी व उनकी टीम ने ट्रेप की कार्यवाही करते हुए आरपीएससी के कनिष्ठ लेखाकार दौसा बांदीकुई सुनगाड़ी निवासी सज्जनसिंह गुर्जर को पुत्र कैलाश सिंह गुर्जर को कांकरिया स्थित किराए के मकान पर ट्रेप किया।

मांगे थे 23 लाख
डीजी सोनी ने बताया कि आरोपी ने परिवादी से 23 लाख रुपए की डिमांड की थी। जिस पर एसीबी ने परिवादी को एक लाख रुपए भारतीय मुद्रा व 22 लाख रुपए की डमी मुद्रा बतौर रिश्वत राशि लेते रंगे हाथ पकड़ा। प्रकरण में सज्जन सिंह गुर्जर के अन्य साथियों व संदिग्धों की पड़ताल की जा रही है।

आवास पर तलाशी
एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक दिनेश एम.एन. के निर्देशन में आरोपी के आवास एवं अन्य ठिकानों पर ए.सी.बी. टीम की ओर से तलाशी ली जा रही है। एसीबी मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधीनियम मेंम प्रकरण दर्जकर अग्रिम अनुसंधान किया जाएगा।





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