RSS pays tribute to the martyrs of Pulwama attack | RSS ने पुलवामा हमले में शहीद हुए बलिदानियों को किया याद

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जयपुर
Published: February 15, 2022 07:52:12 pm
जयपुर। पुलवामा हमले की तीसरी बरसी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में श्रद्धांजलि अर्पित की गई। आरएसएस गोपाल नगर शाखा की ओर से पौधारोपण किया गया। महारानी फार्म स्थित शिव पार्क में पौधारोपण के बाद स्मृति दीप प्रज्ज्वलित कर बलिदानी सपूतों को श्रद्धांजलि दी गई।

RSS ने पुलवामा हमले में शहीद हुए बलिदानियों को किया याद
इसी तरह जलेबी चौक शाखा ने गोविंददेवजी मंदिर के बाहर दीपदान व पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। गालव नगर शाखा एवं हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने मिलकर स्मरण किया और स्मृति में दीप दान किया। कोटपूतली स्थित शिवाजी बस्ती में स्वयंसेवकों ने दीपदान किया। इस बीच बच्चों व मातृशक्ति ने भी वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
14 फरवरी, 2019…आखिर में इस तारीख को कौन भूल सकता है? यह वही दिन था, जब जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर तेजी से आगे बढ़ रहे CRPF जवानों के काफिले पर आत्मघाती आतंकी हमला हुआ और भारत के 40 वीर जवान शहीद हो गए। पुलवामा जिले के आवंतिपोरा के पास लेथपोरा इलाके में हुए हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी, जिसके बाद भारत ने महज 12 दिनों में ही ‘नापाक’ पाक से बदला ले लिया। भारत ने 26 फरवरी को बालाकोट एयरस्ट्राइक करके जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को ढेर कर दिया था। पुलवामा हमले के बाद से ही पाकिस्तान के खिलाफ देशभर में गुस्से का माहौल था।
300 किलो विस्फोटक से भरी गाड़ी से किया था
हमला दरअसल, पुलवामा में नेशनल हाईवे पर जा रहे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों के काफिले पर आतंकवादियों ने छिपकर निशाना बनाया। 14 फरवरी, 2019 की दोपहर के वक्त 300 किलो विस्फोटक से लदी गाड़ी ने सीआरपीएफ वाहन को टक्कर मारकर काफिले को उड़ा दिया था। आतंकी हमले के बाद जवानों को नजदीक के आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया, लेकिन मौके पर ही बड़ी संख्या में जवानों ने दम तोड़ दिया था. घटना के चंद मिनटों के बाद ही पूरी दुनिया में इसकी निंदा की जाने लगी। ज्यादातर देशों ने भारत के वीर जवानों पर हुए आतंकवादी हमले की निंदा की। इस घटना को अंजाम देने वाले हमलावर का नाम आदिल अहमद डार था. इसके अलावा, हमले में सज्जाद भट्ट, मुदसिर अहमद खान आदि जैसे आतंकियों के भी हाथ थे, जिसे बाद में सेना ने मौत के घाट उतार दिया. मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने की, जिसमें उसने साढ़े 13 हजार से अधिक पन्नों की चार्जशीट दाखिल की।
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