Rtdc – 28 हजार से ज्यादा बजट होटलों को नियमन की अधिसूचना का इंतजार;;;;;;;;;;;; नियमन हुआ तो पर्यटन को लगेंगे पंख

होटल व्यवसाय से जुडे विशेषज्ञ बोले—नियमन होने के बाद सरकार को आसानी से मिल सकेगा 200 करोड से ज्यादा का राजस्व

जयपुर।
प्रदेश के 28 हजार बजट होटलों को बीते 15 वर्ष से नियमन का इंतजार है। नियमन नहीं होने से होटलों को न तो बैंक लोन दे रहे हैं और न ही सरकार से अन्य तरह की छूट मिल पा रही हैं। जबकि इन बजट होटलों को नगरीव विकास के 12 अप्रेल 2018 के परिपत्र में व्यापक जनहित मान लिया गया और इनके भू उपयोग परिवर्तन व नियमन को लेकर अलग नीति बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई्र। नगरीय विकास विभाग में उच्च स्तर पर हुए निर्णय के अनुसार 20 जुलाई 2017 के आदेश की निरंतरता में भू उपयोग परिवर्तन में शामिल भी कर लिया और नियम कायदे भी तय हो गए हैं और अब अधिसूचना जारी होने का इंतजार लंबे समय से किया जा रहा है।
होटल व्यवसायियों का कहना है कि वर्तमान में नगरीय सीमाओं में ज्यादातर बजट होटल बस स्टैंड,रेलवे स्टेशन के आस—पास हैं। क्योंकि इस व्यवसाय का मुख्य स्रोत ये दो ही जगह हैं। हांलाकि ये बजट होटल नगरीय निकायों की ओर से तय सभी
तरह के टैक्स दे रहे हैं। लेकिन नियमित नहीं होने से उनको बैंकों से लोन या फिर सरकार की ओर से किसी भी स्कीम का फायदा नहीं मिल रहा है। दूसरी ओर सरकार को भी सालाना इनसे मिलने वाले राजस्व नहीं मिल रहा है। दूसरी ओर इन बजट होटलों को पर्यटन इकाई माना है। लेकिन नियमन नहीं होने से सरकार की निवेश प्रोत्साहन समेत कई स्कीम्स का भी लाभ ये होटल नहीं ले पा रहे हैं।
वर्जन
वर्तमान सरकार ने बजट होटलों के नियमन को लेकर नियम कायदे तय कर दिए हैं। अब हमे अधिसूचना जारी होने का इंतजार है। अधिसूचना जारी हो जाती है तो बजट होटलों का नियमन हो सकेगा और कोरोनाकाल में बेपटरी हुए पर्यटन व्यवसाय को संजीवनी मिलने के साथ ही सरकार को भी राजस्व मिलेगा।
रणविजय सिंह
महासचिव
होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन आॅफ राजस्थान