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Rudra: अटैक हेलीकॉप्टर ‘रुद्र’ ने दिखाया अपना रौद्र रूप, कैसे रॉकेट से टारगेट को किया तबाह, वीडियो में देखें

नई दिल्ली. भारतीय सेना के स्पीयरकॉर्प्स योद्धाओं ने पहले स्वदेशी हमलावर हेलीकॉप्टर ‘रुद्र’ से नई पीढ़ी के रॉकेट दागे हैं. इसके अलावा सेना के इस स्वदेशी हेलीकॉप्टर से गोला बारूद दागने का भी सफल परीक्षण किया गया. एचएएल रुद्र, एचएएल ध्रुव का एक सशस्त्र संस्करण है. रुद्र आधुनिक इन्फ्रारेड, थर्मल इमेजिंग इंटरफ़ेस, 20 मिमी बुर्ज बंदूक, 70 मिमी रॉकेट पॉड, एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल से सुसज्जित है.

सेना के मुताबिक स्वदेशी हमलावर हेलीकॉप्टर ‘रुद्र’ ने पहाड़ों में हमले की क्षमता, प्रभाव और घातकता बढ़ा दी है. कोर कमांडर ने एविएटर्स को उनकी व्यावसायिकता और परिचालन तैयारियों के लिए बधाई दी. दरअसल, इस नए बदलाव के साथ भारतीय सेना की एविएशन यूनिट ने एक ध्रुव हेलीकॉप्टर का कॉम्बेट वर्जन तैयार किया है. इसके जरिए नेक्स्ट जेनरेशन रॉकेट और गोला-बारूद प्रणाली का परीक्षण किया गया.

रुद्र हेलीकॉप्टर, ध्रुव का एक सशस्त्र एडिशन है
स्वदेशी तौर पर विकसित इस अटैक हेलिकॉप्टर का नाम ‘रुद्र’ रखा गया है. ‘ध्रुव’ हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा विकसित और निर्मित भारत का एक बहूद्देशीय हैलीकॉप्टर है. इसकी भारतीय सशस्त्र बलों को आपूर्ति की जा रही है और एक नागरिक संस्करण भी उपलब्ध है. इसे सैन्य और वाणिज्यिक उपयोग के लिए कई अन्य देशों द्वारा भी मंगाया गया है. इसका इस्तेमाल सैन्य संस्करण परिवहन, उपयोगिता, टोही और चिकित्सा निकास भूमिकाओं में उत्पादित किया जा रहा है। वहीं, रुद्र हेलीकॉप्टर, ध्रुव का एक सशस्त्र संस्करण है.

ध्रुव अत्याधुनिक तकनीकों से लैस आधुनिक भारतीय हेलीकॉप्टर है. इसमें हिंज लेस इंटरचेंजेबल मेन रोटर ब्लेड्स, बियरिंग लेस टेल रोटर ब्लेड्स, एंटी रेजोनेंस वाइब्रेशन आइसोलेशन सिस्टम है. अभी कुछ दिन पूर्व भारतीय नौसेना ने ब्रह्मोस मिसाइल की सफल फायरिंग की है. नौसेना ने 1 नवंबर को बंगाल की खाड़ी में ब्रह्मोस की यह फायरिंग की थी. नेवी के कई डिस्ट्रॉयर्स पर ब्रह्मोस मिसाइल तैनात की गई है.

नौसेना के नीलगिरी, शिवालिक और तलवार क्‍लास के फ्रिगेट में भी ब्रह्मोस मिसाइल तैनात है. रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. इसे भारत और रूस ने मिलकर विकसित किया है. इसका नाम ब्रह्मपुत्र और मॉस्‍कवा नदियों के नाम को मिलाकर रखा गया है. यह मिसाइल जल, थल से लेकर नभ तक मार कर सकती है.

Tags: Indian army, Indian navy

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