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Rajasthan : रेगिस्तान में गूंजा ‘रुद्र प्रहार’… जैसलमेर बॉर्डर पर सेना की वो चाल जिसने दुश्मनों के छुड़ा दिए पसीने!

Last Updated:November 12, 2025, 16:05 IST

Jaisalmer News : भारतीय सेना ने आज दो नई युद्धक इकाइयों- रुद्र ब्रिगेड और भैरव बटालियन को आधिकारिक तौर पर मैदान में उतार दिया है. जैसलमेर बॉर्डर पर ऑपरेशन त्रिशूल के तहत हुए “प्रचंड प्रहार” युद्धाभ्यास में इन नई इकाइयों ने अपनी जबरदस्त ताकत और आधुनिक रणनीतिक कौशल का प्रदर्शन किया. ये दोनों फोर्सेज भविष्य के हाइब्रिड युद्धों के लिए तैयार की गई हैं, जो बुद्धिमता, तकनीक और गति तीनों का संयोजन हैं.रेगिस्तान में रुद्र प्रहार...बॉर्डर पर सेना की ऐसी चाल, दुश्मनों के छूटे पसीने**EDS: THIRD PARTY IMAGE** In this image posted on Nov. 12, 2025, Indian Army’s Sudarshan Chakra Corps officials during Exercise Maru Jwala. (@SpokespersonMoD/X via PTI Photo)(PTI11_12_2025_000163B)

सांवलदान रतनू/जैसलमेर. पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों और चीन की सीमा पर बढ़ती साजिशों को ध्यान में रखते हुए भारतीय सेना ने आज अपनी नई गेम चेंजर फोर्स रुद्र ब्रिगेड और भैरव बटालियन को मैदान में उतार दिया. जैसलमेर बॉर्डर पर चल रहे ऑपरेशन त्रिशूल के तहत प्रचंड प्रहार युद्धाभ्यास में इन दोनों इकाइयों ने पहली बार अपनी युद्ध क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया. सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, ये दोनों इकाइयां भारतीय रक्षा रणनीति में कोल्ड स्टार्ट से कोल्ड स्ट्राइक की दिशा में एक बड़ा कदम हैं.

भैरव बटालियन भारतीय सेना की लाइट कमांडो फोर्स है, जिसे चार महीने पहले लॉन्च किया गया था. इसकी ट्रेनिंग अब पूरी हो चुकी है. जैसलमेर बॉर्डर पर हुए युद्धाभ्यास में भैरव कमांडो ने तेज़ी से एक्शन लेते हुए दुश्मन के ठिकानों पर त्वरित प्रहार की क्षमता का प्रदर्शन किया. सेना अधिकारियों के अनुसार, ये कमांडो आतंकी हमले या सीमा पार घुसपैठ के तुरंत बाद दुश्मन के इलाके में घुसकर जवाब देने में सक्षम हैं. इनकी रणनीति फुर्ती, गोपनीयता और सटीकता पर आधारित है जिससे दुश्मन को किसी भी वक्त करारा जवाब दिया जा सके.

रुद्र ब्रिगेड संयुक्त शक्ति से त्वरित स्ट्राइक की क्षमतारुद्र ब्रिगेड में इंफैंट्री, टैंक, अटैक हेलिकॉप्टर और ड्रोन यूनिट को एक ही कमांड में शामिल किया गया है. यह भारत की पहली ऐसी संयुक्त ब्रिगेड है जो एक ही आदेश में ज़मीनी, हवाई और इलेक्ट्रॉनिक ऑपरेशन एक साथ अंजाम दे सकती है. युद्ध के मैदान में घायल सैनिकों को हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू करने की ड्रिल भी की गई. इस दौरान टी-90 भीष्म टैंकों, अपाचे हेलिकॉप्टरों और जगुआर विमानों ने मिलकर दुश्मन क्षेत्र पर कब्जे की अभूतपूर्व ड्रिल की. सेना अधिकारियों ने बताया कि अब भारतीय सेना हथियार और बुद्धिमता दोनों के साथ युद्ध लड़ेगी, एक हाथ में राइफल और दूसरे में ड्रोन लेकर. इन नई इकाइयों का उद्देश्य स्पष्ट है, दुश्मन की साजिशों का जवाब आधुनिकता, फुर्ती और सटीक वार से देना.

Anand Pandey

नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें

नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल… और पढ़ें

Location :

Jaisalmer,Rajasthan

First Published :

November 12, 2025, 16:05 IST

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रेगिस्तान में रुद्र प्रहार…बॉर्डर पर सेना की ऐसी चाल, दुश्मनों के छूटे पसीने

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