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Russia-Ukraine War: भारत को धमकाने वाले अजरबैजान के पास क्यों गए पुतिन, यूक्रेन युद्ध में पश्चिम के खिलाफ अब क्या प्लान?

यूक्रेन के खिलाफ पिछले दो साल से अधिक वक्त से जारी जंग में रूस इस वक्त सबसे मुश्किल स्थिति में दिख रहा है. यूक्रेनी सेना रूस के अंदर कुर्स्क तक घुस चुकी है. एक वक्त यूक्रेन पर चढ़ाई करके दोनेस्क और लुहांस्क पर आसानी से कब्जा करने का ख्वाब देख रहे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से सोचना भी नहीं होगा कि एक दिन उन्हें अपनी ही जमीन बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा. यूक्रेनी सेना के आक्रमण के लिए राष्ट्रपति पुतिन नाटो को जिम्मेदार बता रहे हैं और उसे सबक सिखाने का दावा कर रहे हैं. अपनी इस कोशिश में अब वह नए देशों को भी साथ लाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. हालांकि इस कड़ी में वह भारत को धमकाने वाले अजरबैजान के पास चले गए.

पश्चिम की एनर्जी सप्लाई काटेगा अजरबैजान?रूसी समाचार एजेंसियों ने बताया कि राष्ट्रपति पुतिन दो दिनों के राजकीय यात्रा पर राजधानी बाकू गए हैं. पुतिन का यह अजरबैजान दौरा इसलिए खासा अहम हो जाता है कि यह देश वैसे तो रूस और तुर्की दोनों का देश है, लेकिन साथ ही पश्चिमी देशों में बड़ी मात्रा में एनर्जी सप्लाई भी करता है. ऐसे में माना जा रहा है कि अबरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव के साथ मुलाकात में वह पश्चिमी देशों की सप्लाई काटने पर बात कर सकते हैं.

क्रेमलिन की तरफ से जारी बयान में बताया गया, ‘रूस और अज़रबैजान के बीच सामरिक साझेदारी और आपसी संबंधों को और आगे बढ़ाने के साथ-साथ मौजूदा अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा के लिए बातचीत का एजेंडा तय किया गया है. इस यात्रा में कई समझौते किए जाएंगे, जिसके बाद दोनों देशों के राष्ट्रपति एक संयुक्त बयान जारी करेंगे. इनमें अंतर-सरकारी और दूसरे समझौते शामिल होंगे.’

जब अजरबैजान के राष्ट्रपति ने दी थी भारत को धमकीयहां गौर करने वाली बात यह है कि अजरबैजान वही देश है, जिसने भारत को धमकी भरे लहजे में चेतावनी दी थी. दरअसल अजरबैजान और अर्मेनिया के बीच कुछ महीने पहले जंग चल रही थी, तब राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने भारत से आर्मेनिया को हथियार देना बंद करने की मांग की थी. हालांकि उनकी बातों से यह मांग कम और धमकी ज्यादा लग रही थी.

राजधानी बाकू में COP29 से जुड़े कार्यक्रम में पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए अलीयेव ने कहा था कि यह हमारी देश की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है. फ्रांस, भारत, ग्रीस जैसे देश आर्मेनिया को हमारे खिलाफ जाकर हथियार सप्लाई कर रहे हैं. ऐसे में हम हाथ पर हाथ रखकर बैठे नहीं रह सकते. उन्होंने कहा था, ‘हमने आर्मेनिया और उसे हथियार देने वाले देशों के सामने अपना रुख साफ कर दिया है. अगर हमारे देश की सुरक्षा को खतरा होगा तो हम इसके खिलाफ एक्शन लेंगे. आर्मेनिया हमारे खिलाफ अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है. वो हमारी सीमा पर अपने सैनिक तैनात कर रहा है. ऐसे में हम चुप नहीं रह सकते.’

FIRST PUBLISHED : August 19, 2024, 12:13 IST

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