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S Jaishankar at East Asia summit talk with US Secretary of State Marco Rubio canada minister Malaysia PM and 14 world leaders

Last Updated:October 28, 2025, 23:23 IST

पीएम मोदी की तरफ से भारत का प्रतिनिधित्व करने कुआलालंपुर में EAM एस. जयशंकर पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने दुनिया के सामने भारत के मुद्दे रखे.14 पावरफुल लीडर्स से मिले S Jaishankar, इन मुद्दों पर भारत का पक्ष रखकर छा गएआसियान शिखर सम्मेलन

कुआलालंपुर: मलेशिया में आयोजित हुए 47वें आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल तौर पर शामिल हुए थे. इस दौरान उनकी जगह भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर पहुंचे थे. कुआलालंपुर में 26–28 अक्टूबर चले इस सम्मेलन की अध्यक्षता मलेशिया के पीएम अनवर इब्राहिम ने की थी. जहां पर जयशंकर खूब छाए रहे. आसियान शिखर सम्मेलन की साइडलाइन्स पर उन्होंने कई देश के शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकात की. इस दौरान अमेरिका के मार्को रुबियो के साथ उनकी बातचीत खूब चर्चाओं में रही. जयशंकर ने कई देशों के प्रधानमंत्री के साथ भी मुलाकात की.

किन नेताओं से मिले विदेश मंत्री?
आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान भारत के विदेश मंत्री वे मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम और मलेशिया के विदेश मंत्री मोहम्मद हाजी हसन के साथ मुलाकात की. अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ उन्होंने तगड़ी बातचीत की. इसके अलावा उन्होंने दुनिया के जिन पावरफुल नेताओं के साथ मीटिंग की है, उनमें न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिटफर लक्सन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी एल्बनीज, सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वॉन्ग, जापान के विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोटेगी, ब्राजील के विदेश मंत्री मौरो विएरा, सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालकृष्णन, साउथ कोरिया के विदेश मंत्री चो ह्यून,थाईलैंड के विदेश मंत्री सिहासाक फुआंगकेटकेव, ब्रुनेई के विदेश मंत्री दातो एरीवान पेहिन यूसुफ, वियतनाम के विदेश मंत्री ले होई ट्रंग और कनाडा के मिनिस्टर ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड मनिंदर सिद्धू शामिल हैं.दुनिया के सामने रखे ये मुद्दे

जयशंकर इस समिट के दौरान दुनिया के सामने आपूर्ति श्रृंखलाओं के सिकुड़ने और ऊर्जा बाजार के सीमित होने का मुद्दा रखा. उन्होंने कहा कि विश्व एक मुश्किल वक्त से गुजर रहा है. उन्होंने एनर्जी ट्रेड को लेकर बवाल पर भी खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि ऊर्जा व्यापार सिकुड़ता जा रहा है, जिसकी वजह से सिद्धांतों को सिलेक्टिव तरीके से लागू किया जा रहा है. उन्होंने साफ कर दिया कि जरूरी नहीं है कि उपदेश देने वालों की सलाह फॉलो की जाए. उन्होंने दुनिया भर की ताकतों को संवाद, सहयोग और लचीले समाधानों की ओर बढ़ने का सुझाव दिया है.

First Published :

October 28, 2025, 23:23 IST

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14 पावरफुल लीडर्स से मिले S Jaishankar, इन मुद्दों पर भारत का पक्ष रखकर छा गए

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