एक करोड़ का क्लेम उठाने के लिए पत्नी को कागजों में मारा, घर पहुंचे तो जिंदा मिली | greater nagar nigam jaipur death certificate news update

अस्पताल स्टाफ की मिलीभगत आई सामने, निगम ने निरस्त किया मृत्यु प्रमाण पत्र
जयपुर. एक करोड़ रुपए का क्लेम उठाने के लिए पति ने पत्नी को कागजों में मार दिया। उसके बाद मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया। इंश्योरेंस कम्पनी में क्लेम के लिए फाइल लगाई। इंश्योरेंस कम्पनी ने जब पड़ताल की और मृत महिला के घर पहुंचे तो मामला खुल गया। जांच के बाद अस्पताल की खामी सामने आई। मामले की गंभीरता देखते हुए इंश्योरेंस कंपनी ने ग्रेटर नगर निगम को पत्र भेज सर्टिफिकेट के सत्यापन की भी जांच करवाई।
दरअसल, अस्पताल प्रशासन ने ग्रेटर निगम को पत्र लिखकर मृत्यु प्रमाण पत्र निरस्त करने को कहा। निगम प्रशासन ने इस प्रक्रिया में अस्पताल की मिलीभगत मानी है और ज्योति नगर थाने में मामला दर्ज करवाया है।
ये है मामला
निगम अधिकारियों की मानें तो चार अप्रेल 2023 को मानेसर निवासी जतिन ने पत्नी सुशीला को जेएलएन मार्ग स्थित निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। यहां सुशीला की कुछ जांच हुई और उसके बाद छुट्टी लेकर दोनों चले गए।
दोनों ने अस्पताल स्टाफ के साथ मिलकर पहचान पोर्टल पर छह अप्रेल को डेथ रजिस्ट्रेशन करवा दिया और इसी के आधार पर ग्रेटर निगम के जोन कार्यालय ने मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया।
महिला को अस्पताल ने मृत बताया था। उसके बाद निगम ने मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया। पिछले माह मृत्यु प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया था। अस्पताल पर कार्रवाई के लिए भी जोन उपायुक्त ने ज्योति नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है। उसकी जांच चल रही है।
-लतेश गुप्ता, उप रजिस्ट्रार, मालवीय नगर जोन
मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की ये होती प्रक्रिया
-जिन लोगों की अस्पताल में मृत्यु होती है, उनका अस्पताल का स्टाफ पहचान पोर्टल पर पंजीयन करता है। उसके बाद निगम का संबंधित जोन प्रमाण पत्र जारी करता है।
-जिन लोगों की मृत्यु घर पर होती है उनका मृत्यु प्रमाण पत्र मोक्षधाम और कब्रिस्तान की रिपोर्ट के आधार पर बनते हैं।