‘Sahir Ka Khayal Aaya’#Urdu Drama Festival#at ravindra manch# | ‘साहिर का ख्याल आया’ में दिखा दो साहिरों का संगम

साहिर लुधियानवी सिर्फ गीतकार ही नहीं बल्कि एक उम्दा कवि-शायर भी थे। उनकी रचनाओं को साहित्य प्रेमी और संगीत प्रेमी दोनों याद रखते हैं। राजस्थान उर्दू अकादमी की ओर से रविंद्र मंच पर रविवार से शुरू हुए उर्दू ड्रामा फेस्टिवल के पहले दिन नाटक ‘साहिर का ख्याल आया’ में दर्शकों ने महान कवि व गीतकार साहिर लुधियानवी के दोनों रूपों को महसूस किया।
जयपुर
Updated: March 06, 2022 08:59:49 pm
– रविंद्र मंच पर उर्दू ड्रामा फेस्टिवल की शुरुआत
– पहले दिन हुआ नाटक ‘शाहिर का ख्याल आया’ का मंचन
जयपुर। साहिर लुधियानवी सिर्फ गीतकार ही नहीं बल्कि एक उम्दा कवि-शायर भी थे। उनकी रचनाओं को साहित्य प्रेमी और संगीत प्रेमी दोनों याद रखते हैं। राजस्थान उर्दू अकादमी की ओर से रविंद्र मंच पर रविवार से शुरू हुए उर्दू ड्रामा फेस्टिवल के पहले दिन नाटक ‘साहिर का ख्याल आया’ में दर्शकों ने महान कवि व गीतकार साहिर लुधियानवी के दोनों रूपों को महसूस किया। वरिष्ठ निर्देशक संदीप पाहवा के निर्देशन में तैयार हुए इस उर्दू ड्रामे में साहिर लुधियानवी की सबसे लंबी कविता ‘परछाइयां’ को लिखते समय उनकी मनोदशा को बखूबी मंच पर प्रदर्शित किया गया। मंचन से पहले बीकानेर के आलोचक चिंतक एवं ड्रामानिगार प्रो. नंदकिशोर आचार्य को सम्मानित किया गया।
युवा साहिर का रोल निभाने वाले शारिक अज़ीज़ के अभिनय ने किरदार में जान डाल दी। नाटक में साहिर ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान दो प्यार करने वालों की स्थिति को कैसे लफ़्ज़ों में पिरोया, कैसे अपनी नज्म की एक-एक लाइन को लिखने में उनका चिंतन गहराइयों में जाता गया, इन सब दृश्यों को मंच पर साकार किया गया। साहिर द्वारा लिखी गई कविता में दो प्रेमियों के जीवन पर विश्वयुद्ध की भयावहता को बखूबी अंजाम दिया गया। नाटक में संगीत पूनम तलवार और नवीन आनंद का रहा।
उर्दू अकादमी के सचिव मोअज्जम अली ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत मार्च तक चार दिन अलग-अलग निर्देशकों के नाटकों की प्रस्तुति होगी। 7 मार्च को उर्दू नाटक ‘इश्क पर ज़ोर नहीं’ का मंचन किया जाएगा।

‘साहिर का ख्याल आया’ में दिखा दो साहिरों का संगम
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