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निलंबित जयपुर ग्रेटर नगर निगम मेयर सौम्या गुर्जर की हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका-Rajasthan News-Braking-Suspended Mayor Soumya Gurjar got big setback-High Court dismissed petition– News18 Hindi

जयपुर. जयपुर ग्रेटर नगर निगम विवाद (Jaipur Greater Municipal Corporation controversy) में हाई कोर्ट का बहुप्रतिक्षित फैसला आज गया है. इसमें निलंबित मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर को हाई कोर्ट (High Court) से बड़ा झटका लगा है. हाई कोर्ट ने सौम्या गुर्जर की खारिज की याचिका को खारिज (Petition dismiss) कर दिया है. जस्टिस पंकज भंडारी की खंडपीठ ने सौम्या की याचिका को खारिज कर दिया है.

फैसला आने के बाद सौम्या गुर्जर ने कहा कि अभी तक विधिक अधिकारों का उपयोग किया है. आगे भी इनका उपयोग करुंगी. सुप्रीम कोर्ट जाने के सवाल पर सौम्या गुर्जर ने कहा कि हाइकोर्ट का फैसला देखूंगी. फिर आगे कोई फैसला लिया जाएगा. बीते सात माह में अन्याय के खिलाफ लडाई लड़ी है. आगे भी लड़ाई लड़ती रहूंगी.

मुख्य सचेतक जोशी बोले इस फैसले से प्रदेशभर में एक संदेश जाएगा

डॉ. सौम्या की याचिका खारिज होने के बाद गहलोत सरकार के मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी ने कहा सरकार ने पूरी तरह से न्याय संगत और तर्कसंगत फैसला किया था. यह फैसला भी इस बात का परिचायक है. राजस्थान में किसी भी तरह के अनैतिक कार्य और अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं होगी. जोशी बोले जो जैसा करेगा वो वैसा फल भुगतेगा. जोशी ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुये कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का ऐसा इतिहास रहा है कि वे अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार करते रहे हैं. लेकिन प्रदेश सरकार में ऐसा कभी बर्दाश्त नहीं होगा. इस फैसले से प्रदेशभर में एक संदेश जाएगा.

Rajasthan News: जयपुर ग्रेटर नगर निगम विवाद, जानिये पूरी कहानी

बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने कहा विधि विशेषज्ञों से परीक्षण कराएंगे

बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि हाई कोर्ट के मामले का विधि विशेषज्ञों से परीक्षण कराएंगे. उसके बाद मामले में आगे कदम उठाएंगे. उल्लेखनीय है कि गहलोत सरकार पहले ही सौम्या की जगह वसुंधराराजे के नजदीकी बीजेपी नेता शील धाबाई को कार्यवाहक मेयर बना चुकी है. सौम्या पर आरोप है कि उन्होंने निगम के कमिश्नर को अपने चैंबर में तीन पार्षदों से पिटवाया. इसकी शिकायत पर गहलोत सरकार ने सौम्या को निलंबित कर मेयर पद से हटा दिया था. जयपुर ग्रेटर नगर निगम में बीजेपी का बोर्ड है और मेयर भी बीजेपी की है. अगर कोर्ट सौम्या का निलंबन रद्द कर देता था बीजेपी को तय करना पड़ता कि उसकी दो मेयर में से कौनसी मेयर रहेगी और कौनसी हटेगी.

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