डोनाल्ड ट्रंप के जख्म पर नमक… इधर नोबेल न मिलने का गम, उधर तानाशाह ने मिसाइल दिखाकर चिढ़ाया

North-Korea: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए बीते दिन कुछ खास नहीं रहे. एक तरफ जहां उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिला, वहीं दूसरी ओर उनके पुराने प्रतिद्वंद्वी और दुनिया के सबसे विवादित तानाशाहों में से एक किम जोंग उन ने मानो उनके जख्म पर नमक छिड़क दिया है. दरअसल, उत्तर कोरिया ने राजधानी प्योंगयांग में एक भव्य सैन्य परेड निकालकर दुनिया को अपनी ताकत दिखाई और खास बात यह रही कि इस परेड में उसने अपनी अब तक की सबसे खतरनाक लॉन्ग रेंज मिसाइल ‘ह्वासोंग-20’ भी दिखाई. कहा जा रहा है कि यह मिसाइल अमेरिका के मुख्य भूभाग तक हमला करने की क्षमता रखती है.
दरअसल, उत्तर कोरिया ने एक भव्य सैन्य परेड में अपने सबसे खतरनाक और ताकतवर हथियारों की झलक दिखाई है. इस परेड की खास बात यह रही कि इसमें उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन (Kim Jong Un) ने अपनी सेना का नया लॉन्ग-रेंज इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) – ‘ह्वासोंग-20 (Hwasong-20)’ पेश किया. माना जा रहा है कि यह मिसाइल आने वाले हफ्तों में टेस्ट भी की जा सकती है.
किम जोंग उन की ताकत दिखाने वाली परेड
दरअसल, यह परेड शुक्रवार रात शुरू हुई और इसका आयोजन रूलिंग वर्कर्स पार्टी (Workers’ Party) की 80वीं वर्षगांठ के मौके पर किया गया. इस मौके पर विदेशी नेता भी मौजूद थे, जिससे यह साफ झलक रहा था कि किम जोंग उन अब अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं. परेड में दिखाई गई मिसाइलों में सबसे खास थी ह्वासोंग-20, जिसे उत्तर कोरिया ने अब तक का सबसे ‘पावरफुल न्यूक्लियर स्ट्रैटेजिक वेपन सिस्टम’ बताया है.
क्या है ‘ह्वासोंग-20’?
उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया KCNA के मुताबिक, यह मिसाइल अभी तक टेस्ट नहीं की गई है, लेकिन इसे सबसे शक्तिशाली न्यूक्लियर स्ट्रैटेजिक वेपन कहा जा रहा है. यह मिसाइल इतनी लंबी दूरी तक जा सकती है कि इससे अमेरिका के महाद्वीपीय हिस्से तक हमला किया जा सकता है. इसके अलावा, परेड में शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल, क्रूज़ मिसाइल और सुपरसोनिक मिसाइलें भी दिखाई गईं, जिनके बारे में उत्तर कोरिया पहले ही दावा कर चुका है कि वे दक्षिण कोरिया (South Korea) के लक्ष्य पर परमाणु हमले करने में सक्षम हैं.
किम जोंग उन का संदेश
परेड में भाषण देते हुए किम जोंग उन ने कहा, “हमारी सेना को लगातार विकसित होना चाहिए ताकि वह एक अजेय शक्ति बन सके और हर खतरे को खत्म कर सके.” हालांकि उन्होंने अपने भाषण में अमेरिका (Washington) या दक्षिण कोरिया (Seoul) का सीधा नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा साफ तौर पर अपने विरोधियों की ओर था.
कूटनीतिक संकेत और बढ़ती चिंता
इस परेड से यह साफ है कि किम जोंग उन न केवल अपनी सैन्य शक्ति, बल्कि अपनी डिप्लोमेटिक स्थिति को भी मजबूत कर रहे हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर ‘ह्वासोंग-20’ का परीक्षण किया गया, तो यह अमेरिका और एशियाई देशों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन सकता है.
 

