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स्वाद और सेहत के फायदे

Last Updated:October 26, 2025, 13:58 IST

राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र की पारंपरिक काचरा और ग्वारफली की सब्जी न सिर्फ स्वाद में लाजवाब है, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद मानी जाती है. बरसात के मौसम में तैयार की जाने वाली यह देसी डिश अपने अनोखे स्वाद, पौष्टिकता और देहाती खुशबू के कारण स्थानीय लोगों के साथ-साथ विदेशों में बसे प्रवासी मारवाड़ियों और विदेशी मेहमानों को भी खूब भाती है. फाइबर, विटामिन और खनिजों से भरपूर यह सब्जी दिल और पाचन तंत्र दोनों को स्वस्थ रखती है — सचमुच, यह व्यंजन राजस्थान की परंपरा, स्वाद और स्वास्थ्य का अद्भुत संगम है. काचरा ग्वारफली

राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र के पारंपरिक व्यंजन अपनी खास खुशबू और स्वाद के लिए पूरे देश और विदेश में मशहूर हैं. इनमें काचरा और ग्वारफली की मिक्स सब्जी सबसे अधिक पसंद की जाने वाली सब्जियों में से एक है. इसका नाम सुनते ही लोगों के मुंह में पानी आ जाता है. खासकर बरसात के मौसम में, जब यह ताजी-ताजी बनती है, तो इसकी खुशबू पूरे इलाके में फैल जाती है. बाद में इसे सुखाकर रख लिया जाता है, ताकि सालभर इसका स्वाद लिया जा सके.

काचरा ग्वारफली

आपको बता दें कि राजस्थान में बरसात के मौसम में, जब खेतों में ग्वारफली और काचरे की भरपूर पैदावार होती है, तब ग्रामीण महिलाएं इन सब्जियों को सालभर उपयोग के लिए तैयार करती हैं. महिलाएं सामूहिक रूप से बैठकर काचरे का छिलका उतारती हैं, उसे टुकड़ों में काटती हैं और फिर धूप में सुखाती हैं. वहीं ग्वारफली को पानी में हल्का उबालकर सुखाया जाता है, यह पारंपरिक प्रक्रिया स्वाद और पौष्टिकता, दोनों को बरकरार रखती है.

काचरा ग्वारफली

जब ये दोनों सब्जियां अच्छी तरह सूख जाती हैं, तब इन्हें मिट्टी के बर्तनों में सुरक्षित रख लिया जाता है. ग्रामीण इलाकों में यह सूखी सब्जी अगली बरसात तक उपयोग में ली जाती है. किसान जवान सिंह ने बताया कि काचरा और ग्वारफली पूरी तरह प्राकृतिक होती हैं, इनमें किसी रासायनिक खाद या दवा का उपयोग नहीं किया जाता. इसी वजह से ये सेहत के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती हैं.

काचरा ग्वारफली

मारवाड़ की इस पारंपरिक सब्जी का स्वाद न केवल स्थानीय लोगों को, बल्कि दूर-दराज़ बसे प्रवासी मारवाड़ियों को भी बेहद पसंद है. दक्षिण भारत, विदेशों और अन्य राज्यों में रहने वाले लोग हर साल अपने गांवों से काचरा और ग्वारफली की सूखी सब्जी मंगवाते हैं.जब वे बरसात के मौसम में गांव आते हैं, तो लौटते समय यह सब्जी अपने परिजनों और मित्रों को देने के लिए साथ लेकर जाते हैं.

काचरा ग्वारफली

नागौर की नौरती देवी ने बताया कि उनके पति विदेश कमाने के लिए जाते हैं, लेकिन वे अक्सर घर से सूखी काचरी और ग्वारफली मंगवाते हैं. ना ही नहीं, मारवाड़ आने वाले विदेशी मेहमान भी अब इस देसी स्वाद के दीवाने बन चुके हैं. बाजरे का सोगरा और दही के साथ काचरा-ग्वारफली की सब्जी का स्वाद लेते हैं और इसकी अनोखी स्वादिष्टता की खूब तारीफ करते हैं। कई विदेशी इसे अपने साथ लेकर भी जाते हैं.

काचरा ग्वारफली

स्वास्थ्य की दृष्टि से देखें तो काचरा और ग्वारफली की मिक्स सब्जी बेहद लाभकारी है.हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. अंजू चौधरी ने बताया कि दोनों में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है. सब्जी शुगर नियंत्रण के लिए भी उपयोगी है, क्योंकि ग्वारफली में मौजूद ग्वार गम ब्लड शुगर को संतुलित रखने में मदद करता है. प्राकृतिक और घरेलू व्यंजन स्वास्थ्य और स्वाद का बेहतरीन संगम है.

काचरा ग्वारफली

काचरा और ग्वारफली की सब्जी दिल के लिए भी बहुत फायदेमंद मानी जाती है.इसमें मौजूद घुलनशील फाइबर शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और मोटापे पर नियंत्रण रखता है. इसके अलावा, यह सब्जी कम कैलोरी और अधिक फाइबर वाली होती है, जिससे पेट लंबे समय तक भरा रहता है. काचरे में विटामिन C, कैल्शियम और आयरन पाए जाते हैं, जबकि ग्वारफली में हड्डियों को मजबूत करने वाला कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है.

First Published :

October 26, 2025, 13:58 IST

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