संजीव कुमार: 50 साल से ज्यादा नहीं जी सकता, इसलिए बुजुर्ग रोल निभाए

Last Updated:May 08, 2025, 17:21 IST
संजीव कुमार ने कम उम्र में बुजुर्ग किरदार निभाने की वजह अपने परिवार की कम उम्र में मौत को बताया था. उन्होंने कहा था कि वे 50 साल से ज्यादा नहीं जी पाएंगे, और 47 की उम्र में उनका निधन हो गया.
संजीव कुमार: 50 साल से ज्यादा नहीं जी सकता, इसलिए बुजुर्ग रोल निभाए (IMdb)
हाइलाइट्स
संजीव कुमार ने 47 की उम्र में निधन की भविष्यवाणी की थी.संजीव कुमार ने कम उम्र में बुजुर्ग किरदार निभाए.संजीव कुमार को दिल की बीमारी थी और बाईपास सर्जरी हुई थी.
एक सुपरस्टार ऐसे थे जिन्होंने बातों ही बातों में अपनी मौत की भविष्यवाणी की थी. वो सुपरस्टार जिन्होंने भरी जवानी में बूड्ढे वाले रोल किए. हर कोई हैरान था कि आखिर वह 30 की उम्र में ही बुजुर्ग वाले रोल क्यों प्ले करते हैं. फिर एक बार उन्होंने चुप्पी तोड़ी और सच बताया. ये कोई और नहीं बल्कि संजीव कुमार हैं जो हिंदी सिनेमा के एक बेहतरीन और गंभीर एक्टर थे. उन्होंने बहुत कम उम्र में ही फिल्मों में उम्रदराज किरदार निभाने शुरू कर दिए थे, और इसके पीछे की वजह जानकर किसी का भी दिल दुख सकता है.
संजीव कुमार ने एक बार उम्रदराज वाले रोल प्ले करने पर चुप्पी तोड़ी थी. उन्होंने बताया था कि आखिर क्यों वह ऐसे रोल्स चुनते हैं. जबकि वह दूसरी तरफ बड़ी बड़ी हीरोइनों के साथ भी फिल्में कर रहे थे. सबके चहेते स्टार थे. तब उन्होंने इसके पीछे का कारण बताया था.
47 में चल बसे संजीव कुमार
संजीव कुमार शोले फिल्म में
एक बार मशहूर होस्ट तबस्सुम से बातचीत में संजीव कुमार ने कहा था, “मैं 50 साल से ज़्यादा नहीं जी सकता, जैसे मेरे परिवार के मर्द नहीं जी पाए. इसलिए मैं बुढ़ापा सिर्फ स्क्रीन पर ही जी सकता हूं. इसलिए मैं इन रोल के जरिए ही ये पड़ाव भी जी रहा हूं.” अफसोस की बात है कि ये बात सच साबित हुई और 47 की उम्र में उनका निधन हो गया.
बाईपास सर्जरी भी हुई थीसंजीव कुमार ने अपने शानदार करियर की वजह से कई अवॉर्ड्स अपने नाम किए. नेशनल अवॉर्ड जीते और शोले के ठाकुर जैसे किरदार को यादगार बना दिया. उन्हें दिल की बीमारी थी और US एक बार बाईपास सर्जरी भी करानी पड़ी थी. लेकिन 1985 में उन्हें एक और हार्ट अटैक आया और वे इस दुनिया से चले गए.
परिवार में कोई नहीं जी पाया 50 पार
ये भी एक संयोग है कि संजीव कुमार के दोनों भाई भी 50 की उम्र तक नहीं जी सके. एक भाई निकुल उनसे पहले और दूसरा भाई किशोर कुमार उनके कुछ महीनों बाद गुजर गया. यही वजह थी कि संजीव कुमार को यह डर सताता था कि वे भी ज़्यादा नहीं जी पाएंगे.
मौत के बाद आई फिल्मेंउनकी कुछ फिल्में उनकी मौत के बाद रिलीज हुईं. प्रोफेसर की पड़ोसन जैसी फिल्म तो उनकी मौत के करीब आठ साल बाद 1993 में रिलीज हुई, और चूंकि वो फिल्म अधूरी रह गई थी, तो उसकी कहानी बाद में बदलनी पड़ी. जिसमें शेखर सुमन और पद्मिनी कोल्हापुरे नजर आई थीं.
मुमताज संग ब्लॉकबस्टरसंजीव कुमार ने करियर में शर्मिला टैगोर, आशा पारेख से लेकर रेखा संग काम किया था. उनकी जोड़ी मुमताज के साथ भी हिट थी. दोनों की खिलौना फिल्म तो तब ब्लॉकबस्टर रही थी. जिसने बॉक्स ऑफिस पर कई रिकॉर्ड तोड़े थे.
Varsha
न्यूज 18 हिंदी में सीनियर सब एडिटर के तौर पर काम कर रहीं वर्षा का डिजिटल मीडिया में 8 सालों का अनुभव है। एंटरटेनमेंट रिपोर्टिंग, लेखन, फिल्म रिव्यू, इंटरव्यू और विश्लेषण इनकी विशेषज्ञता है। वर्षा ने जामिया मिल्…और पढ़ें
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