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झुंझुनूं . संस्कृत की पढ़ाई के लिए अब छात्रों को गांवों में नहीं जाना पड़ेगा. आठवीं कक्षा के बाद झुंझुनूं शहर में संस्कृत शिक्षा का कोई विद्यालय नहीं था. राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर जिला मुख्यालय के बसंत विहार के राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत स्कूल को वरिष्ठ उपाध्याय (बारहवीं) तक में क्रमोन्नत कर दिया है.
अगले सत्र से होगी संस्कृत की पढ़ाई संस्कृत शिक्षा राजस्थान सरकार के संयुक्त शासन सचिव ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं. अब अगले सत्र से ही कक्षा नौ से संस्कृत की पढ़ाई शुरू हो जाएगी. इस स्कूल में वर्तमान में करीब 150 छात्र-छात्रा अध्ययनरत हैं. जबकि अन्य सामान्य आठवीं तक के स्कूलों में इतने बच्चे मिलना मुश्किल है.
शहर में ही होगी संस्कृत की पढ़ाई स्कूल के प्रधानाध्यापक राजेश कुमार स्वामी ने बताया कि स्कूल को क्रमोन्नत करने से फायदे होंगे. पहले प्रिंसिपल लगेंगे. इसके बाद वरिष्ठ अध्यापक और फिर व्याख्यता लगाए जाएंगे. बच्चे संस्कृत विषय तो ले लेते हैं, लेकिन उनको आठवीं तक के आगे की पढाई नसीब नहीं होती. इस कारण या तो वे पढाई छोड़ देते हैं या विषय बदल लेते हैं. जिला मुख्यालय पर संस्कृत का बारहवीं तक का स्कूल ही नहीं था. अन्य विषयों में दसवीं व बारहवीं पढ़ने छात्र-छात्रा शहर में आते हैं, जबकि संस्कृत में उल्टा हो रहा था. बच्चों को दसवीं व बारहवीं की पढाई के लिए गांवों में जाना पड़ता था.
विधायक ने किया फैसले का स्वागत झुंझुनूं विधायक राजेन्द्र भाबू ने कहा ‘राजकीय उप्रा संस्कृत स्कूल बसंत विहार को बारहवीं तक क्रमोन्नत करने से बच्चों को फायदा होगा. अब उनको पढाई के लिए चिड़ावा, चिराना या अन्य गांवों व कस्बों में नहीं जाना पड़ेगा.’
शिक्षकों में खुशी की लहर क्रमोन्नति के आदेश के बाद शिक्षक भी खुश हैं. इससे उनको भी फायदा होगा. जो शिक्षक दूसरे उपखंडों व जिलों में कार्यरत हैं वे अब जिला मुख्यालय पर आ सकेंगे. संस्कृत पढ़ाई की घोषणा के बाद अब शिक्षकों के पद भी पढ़ेंगे. सरकार ने राजकीय उप्रासंवि हुजरा कामां भरतपुर, राउप्रासंवि बास गुढलिया बांदीकुई दौसा, राउप्रासंवि सेक्टर छह हनुमानगढ़ और राउप्रासंवि सेवाड़ी पाली को भी क्रमोन्नत किया है.
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FIRST PUBLISHED : December 22, 2024, 21:37 IST