Sanwaliya Seth Temple Offerings – जैसी मन्नत, वैसी भेंट: सांवलिया सेठ के गुल्लक में हर घंटे एक लाख का चढ़ावा

Chittorgarh Sanwaliya Seth Temple: मेवाड़ के प्रसिद्ध कृष्णधाम श्री सांवलिया सेठ के यहा हर घंटे एक लाख रुपए का चढ़ावा चढ़ रहा है। यहां रोजाना लगभग 24 लाख रुपए सेठ के भंडार में आ रहा है।
अविनाश चतुर्वेदी/चित्तौडगढ़। Chittorgarh Sanwaliya Seth Temple: मेवाड़ के प्रसिद्ध कृष्णधाम श्री सांवलिया सेठ के यहा हर घंटे एक लाख रुपए का चढ़ावा चढ़ रहा है। यहां रोजाना लगभग 24 लाख रुपए सेठ के भंडार में आ रहा है। इसमें गुल्लक की नकदी, कार्यालय में आने वाली सोने-चांदी की भेंट भी शामिल है। पिछले कुछ समय से श्रद्धालुओं ने उन्हें कई अनूठी चीजें भेंट कर रहे हैं।
मंडफिया स्थित श्री सांवलिया सेठ के भव्य मंदिर में हर साल 50 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे है। राजस्थान, मध्यप्रदेश के साथ ही यहां गुजरात और महाराष्ट्र से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है।
कोरोना काल के बाद अगर पिछले दो माह अगस्त एवं सितम्बर के दानपात्र में से निकलने वाली नकदी पर नजर डाले तो इन दो माह में श्रद्धलुओं ने भगवान को दानपात्र में करीब 11 करोड़ 65 लाख रुपए की नकदी भेंट की है। इसमें 4.90 करोड़ रुपए अगस्त में दान पात्र से एवं 1.50 करोड़ भेंट कक्ष से एवं सितम्बर में 4.53 करोड़ रुपए दान पात्र से एवं 72 लाख रुपए 71 हजार रुपए भेंट कक्ष में मिले है।
इस हिसाब से करीब 81 हजार रुपए प्रतिदिन नकदी भगवान के दान पात्र में आए। वहीं अन्य सा्रेत जिसमें सोने चांदी के आभूषण एवं उपहार करीब 35 हजार प्रतिदिन के हिसाब से मंदिर को मिले है। इधर अगस्त में मंदिर के भेंट कक्ष में लगभग डेढ़ करोड़ की चढ़ावे की राशि अलग से प्राप्त हुई है। सितम्बर में भंडार से 1 किलो 19 ग्राम सोना और 3 किलो 300 ग्राम चांदी के आभूषण प्राप्त हुए हैं। वहीं मंदिर मंडल कार्यालय में 389 ग्राम 900 मिलीग्राम स्वर्ण तथा 5581 ग्राम 800 मिलीग्राम रजत आभूषण भी भेंट स्वरूप प्राप्त हुए हैं।
किसी ने मोटर साइकिल तो किसी ने दिया ट्रैक्टर
सांवरा की महिमा न्यारी है। ऐसी मान्यता है कि यहां पर जो कोई कुछ मांगता है, वह उसे मिलता है। कई लोग मन्नत के अनुरूप चीज सांवलिया सेठ को भेंट कर रहे हैं। मेड़ता सिटी निवासी द्वारका प्रसाद परताणी ने पिछले दिनों 3 किलो 218 ग्राम वजनी चांदी से निर्मित तथा 15 ग्राम स्वर्ण आभायुक्त वागा तथा मुकुट भेंट किया।
अहमदाबाद में रह रहे उदयपुर के व्यवसायी गणेश लाल काबरा की ओर से 286 ग्राम सोने से तैयार चरण पादुका व गिलास तथा 262 ग्राम 500 मिलीग्राम चांदी से निर्मित प्लेट व कटोरी भेंट की।
नीमच जिले के जीरन निवासी एक किसान ने सौ ग्राम चांदी से बना अफीम का पौधा चढ़ाया। उसके खेत में अफीम की फसल खड़ी थी। पौधों पर डोडे आने के बादहवा चली तो सभी पौधे आड़े पड़ गए। इससे फसल को हंकाने की नौबत आ गई। उस समय उसने सांवलिया सेठ से प्रार्थना की कि अगर उसके अफीम का रकबा पूरा हो जाएगा तो चांदी का अफीम का पौधा उन्हें चढाएगा। फसल सही होने पर उसने मन्नत के अनुरूप चांदी का पौधा चढ़ाया।
मंदसौर जिले के बाबू खेड़ा निवासी लालाराम पाटीदार ने 74 ग्राम चांदी से निर्मित सांवलिया सेठ को अनोखी बाइक भेंट की। बीगोद भीलवाड़ा निवासी ट्रैक्टर शोरूम के मालिक शांति लाल गुर्जर ने 6 लाख रुपए से ज्यादा कीमत का नया ट्रैक्टर मंदिर मंडल को सौंपा।
नवलगढ़ झुंझुनूं निवासी मुकेश खींचड़ ने भगवान श्री सांवलिया सेठ के मंदिर में घास कटिंग करने के लिए ट्रैक्टर मशीन भेंट की। मशीन लगभग 5 लाख रुपए की लागत की है।
पहली बार डॉलर व सोने का बिस्किट
सितम्बर में भंडार से पहली बार सौ-सौ के 125 अमरीकी डॉलर प्राप्त हुए हैं। इतनी बड़ी मुद्रा पहली बार प्राप्त हुई है। भंडार से एक किलो वजनी सोने का बिस्किट भी निकला है। इसकी कीमत 50 लाख के आसपास आंकी जा रही हैं। अब तक भंडार से एक साथ एक किलो सोना कभी नहीं निकला था। भंडार से बिस्किट भी निकले तो 200 ग्राम तक के ही थे। अधिकतर स्वर्ण आभूषण ही भंडार से निकलते है।
दर्शन व्यवस्था व झांकी
सांवलियाजी मंदिर में दर्शन व्यवस्था प्रात: 5. 30 बजे से रात 11 बजे तक होते रहते हैं केवल दोपहर 12. बजे से 2 बजे शयन होने के कारण दर्शन बंद रहते हैं। यहां पर विशेष रुप से मंगला, राजभोग, दोपहर और शयन झांकी के विशेष दर्शन होते हैं।