Sariska News: रणथम्भौर में टाइगर के हमले के बाद मचा हड़कंप, अलर्ट मोड पर आया सरिस्का प्रशासन, जानें क्या चल रहा है?

Last Updated:April 19, 2025, 07:17 IST
Alwar News : रणथम्भौर में टाइगर के हमले के बाद अलवर के सरिस्का में वन प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है. बाघों के मूवमेंट की निगरानी तेज कर दी गई है. स्थानीय लोगों से अलर्ट रहने की अपील की जा रही है. पढ़ें क्या चल …और पढ़ें
सरिस्का टाइगर रिजर्व में 40 से ज्यादा बाघ और बाघिन हैं.
हाइलाइट्स
सरिस्का में बाघों की निगरानी तेज की गई.स्थानीय लोगों से सतर्क रहने की अपील.सरिस्का वन क्षेत्र में 42 बाघ और बाघिन हैं.
नितिन शर्मा.
अलवर. जगप्रसिद्ध रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में बाघ के हमले में एक बच्चे की मौत के बाद अलवर का सरिस्का प्रशासन अलर्ट हो गया है. सरिस्का वन क्षेत्र में देश-विदेश से पर्यटक आते हैं. सरिस्का टाइगर रिजर्व में 40 से ज्यादा बाघ और बाघिन हैं. इस वन क्षेत्र में कई धार्मिक स्थल भी हैं. वहां श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है. ऐसे में रणथम्भौर जैसी घटना ना हो इसके लिए वन विभाग बाघों पर कड़ी नजर रख रहा है और स्थानीय लोगों को भी एहतियात बरतने की अपील कर रहा है.
सरिस्का बाघ अभयारण्य अरावली पहाड़ियों के 1203.33 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है. इसमें 881.11 वर्ग किमी कोर एरिया और 322.22 वर्ग किमी बफर एरिया शामिल है. सरिस्का वन क्षेत्र में इस समय 42 बाघ, बाघिन और शावक मौजूद हैं. 2004-05 के बीच शिकारियों ने यहां से बाघों का सफाया कर दिया था. इसके बाद 2008 में रणथम्भौर से एक बाघ और बाघिन को यहां शिफ्ट किया गया. उसके बाद धीरे-धीरे सरिस्का फिर से आबाद हुआ. आज यहां 40 से ज्यादा बाघ और बाघिन हैं.
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वन क्षेत्र में कई धार्मिक स्थल हैंसरिस्का वन क्षेत्र में कई धार्मिक स्थल भी हैं. इनमें खासकर पांडुपोल हनुमान मंदिर, भर्तृहरि धाम और बाला किला क्षेत्र में करणी माता तथा चक्रधारी हनुमान मंदिर शामिल हैं. यहां श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है. बाला किला वन क्षेत्र में भी बाघों का मूवमेंट बना रहता है। इससे आमजन की जान का खतरा रहता है. पिछले दिनों सरिस्का वन क्षेत्र से बाघों के बाहर निकलने और लोगों पर जानलेवा हमला करने के मामले भी सामने आए हैं.
सभी बाघों के रेडियो कॉलर नहीं लगे हुए हैंहाल ही में रणथम्भौर में बाघ एक बच्चे को उठा ले गया. बाद में उसे मार डाला. इस घटना के बाद सभी वन क्षेत्रों में मॉनिटरिंग बढ़ा दी गई है. हालांकि बाघों के मूवमेंट और सुरक्षा के लिए उनके गले में रेडियो कॉलर लगाए जाते हैं. लेकिन अलवर सरिस्का वन क्षेत्र में सभी बाघों के रेडियो कॉलर नहीं लगे हुए हैं.
वन क्षेत्र में चार फीमेल और एक मेल टाइगर का मूवमेंट रहता हैरेंजर शंकर सिंह ने बताया कि बाला किला वन क्षेत्र में चार फीमेल और एक मेल टाइगर का मूवमेंट रहता है. ऐसे में मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को भी सावधानी बरतने की अपील की जाती है. सरिस्का वन क्षेत्र में बसे गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया भी धीमी चल रही है. इससे वन क्षेत्र में ग्रामीणों की आवाजाही बनी रहती है. इसलिए महकमा पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आया हुआ है ताकि कोई अनहोनी ना हो.
Location :
Alwar,Alwar,Rajasthan
First Published :
April 19, 2025, 07:07 IST
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