पुष्कर में श्राद्ध पक्ष की सर्व पितृ अमावस्या, पूर्वजों की शांति के लिए विशेष अवसर

अजमेर: हिंदू धर्म में श्राद्ध पक्ष का विशेष महत्व है, जहां श्रद्धा के बिना श्राद्ध की प्रक्रिया संभव नहीं है. मान्यता है कि पुष्कर के पवित्र सरोवर के घाट पर किए जाने वाले श्राद्ध कर्म से पूर्वजों को शांति मिलती है, साथ ही पितृ दोष और अन्य व्याधियों से भी मुक्ति मिलती है.
अमावस्या की तिथि और महत्वपुजारी सुरेंद्र राजगुरु ने बताया कि इस साल अश्विन कृष्ण अमावस्या तिथि का प्रारंभ 1 अक्टूबर, मंगलवार को रात 9 बजकर 39 मिनट पर होगा, जो 2 अक्टूबर, बुधवार को देर रात 12 बजकर 18 मिनट तक मान्य रहेगी. इस तरह, उदयातिथि के आधार पर सर्व पितृ अमावस्या 2 अक्टूबर को होगी. उन्होंने बताया कि जो लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म और तर्पण नहीं कर सके, वे इस पवित्र अवसर पर पुष्कर सरोवर में श्रद्धा, तर्पण और पिंडदान कर पुण्य लाभ अर्जित कर सकते हैं.
मोक्ष का अवसरपंडित सुरेंद्र राजगुरु ने कहा कि जिनकी अकाल मृत्यु हुई है, उनके लिए सर्व पितृ अमावस्या पर नारायण बली श्राद्ध त्रिपिंडी तर्पण करने से दिवंगत आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु पुष्कर सरोवर में अपने दिवंगत परिजनों के श्राद्ध कर्म करते हैं, और पिंडदान एवं तर्पण करने वाले श्रद्धालुओं का एक बड़ा मेला लगता है.
एडवांस बुकिंग का दौरपंडित सुरेंद्र राजगुरु ने बताया कि सर्व पितृ अमावस्या पर पुष्कर में श्राद्ध कर्म कराने के लिए दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं ने होटल धर्मशालाओं और तीर्थ पुरोहितों की एडवांस बुकिंग शुरू कर दी है. देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस अवसर पर पुष्कर पहुंचेंगे, जिससे श्रद्धा और आस्था का माहौल बनता है.
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FIRST PUBLISHED : September 27, 2024, 19:25 IST