School News:स्कूली बच्चों के लिए क्या है होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड? 26 राज्यों ने अपनाया

Last Updated:April 18, 2025, 11:31 IST
School News:अब स्कूली बच्चों के लिए होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड (HPC)लागू किया गया है, जिसे अब तक 26 राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों ने अपनाया है, जबकि कुछ राज्य ऐसे हैं जिन्होंने इसे अभी तक नहीं अपनाया है.
School News, NEP 2020: स्कूली बच्चों के लिए नया कार्ड.
हाइलाइट्स
26 राज्यों ने होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड अपनाया.यह कार्ड नर्सरी से कक्षा 8 तक के लिए है.PARAKH ने इस कार्ड को विकसित किया है.
School News: अब स्कूली बच्चों के पढ़ाई और विकास को होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड (HPC)के माध्यम से मापा जाएगा. देश के 26 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश (UTs)ने तो स्कूलों में छात्रों की पढ़ाई और विकास को मापने के लिए यह नया तरीका अपना लिया है, लेकिन कुछ राज्यों ने इसे अभी तक नहीं अपनाया है. इनमें केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल समेत कुल 10 राज्य शामिल हैं. हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में PARAKH की प्रमुख इंद्राणी भादुरी के हवाले से यह जानकारी दी गई है. बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत प्रस्तावित इस प्रगति कार्ड को PARAKH की ओर से ही विकसित किया गया है. PARAKH (पर्फॉर्मेंस असेसमेंट, रिव्यू एंड एनालिसिस ऑफ नॉलेज फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट) राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र है, जो राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के अंतर्गत आता ह
क्या है होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड?होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड छात्रों की पढ़ाई का एक नया रिपोर्ट कार्ड है, जो केवल नंबरों या ग्रेड पर ध्यान नहीं देता. इसके माध्यम से छात्रों के पूरे विकास को मापा जाता है जैसे उनका सोचने का तरीका, भावनात्मक समझ, और शारीरिक गतिविधियों में भागदारी आदि. यह कार्ड यह भी बताता है कि बच्चे के अंदर कौन सी स्किल डेवलप हो रही या भविष्य में कौन सी स्किल्स डेवलप होंगी. इसके अलावा इस कार्ड से यह भी पता चल जाता है कि बच्चा किस स्किल में अभी शुरुआती स्तर पर है या दक्ष हो चुका है. इससे शिक्षक और माता-पिता यह समझने में मदद मिलती है कि बच्चे को और क्या मदद दी जा सकती है.
किन कक्षाओं के लिए है ये कार्ड?यह कार्ड नर्सरी से लेकर कक्षा 8 तक के छात्रों के लिए बनाया गया है. आगे चलकर इसे 9वीं और 10वीं कक्षा के लिए भी लागू किया जाएगा. हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक देश के 26 राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों ने इस कार्ड को अपनाया है या अपना रहे हैं, जबकि केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे कुछ राज्यों ने अभी इसे नहीं अपनाया है.
किसने बनाया है ये कार्ड?इस कार्ड को PARAKH नाम की संस्था ने बनाया है. यह संस्था NCERT के अंतर्गत आती है और इसका काम छात्रों की पढ़ाई का मूल्यांकन करना है.PARAKH अब इस प्रोग्रेस कार्ड को डिजिटल बनाने पर काम कर रहा है ताकि शिक्षक इसे आसानी से भर सकें. साथ ही इसे 26 भाषाओं में अनुवादित किया जा रहा है, जिससे सभी राज्यों में इसे अपनाना आसान हो.
शिक्षकों को मिल रहा है प्रशिक्षणइस कार्ड को ठीक से इस्तेमाल करने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. PARAKH अब ब्लॉक स्तर तक जाकर मास्टर ट्रेनर्स को इसके उपयोग की ट्रेनिंग दे रहा है.इस प्रोग्रेस कार्ड के जरिए छात्रों में कौशल (स्किल्स) सिखाने पर भी जोर दिया जा रहा है. स्कूलों को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को अलग-अलग कौशल भी सिखाएं.
First Published :
April 18, 2025, 11:31 IST
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स्कूली बच्चों के लिए क्या है होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड? 26 राज्यों ने अपनाया