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Scientific And Religious Reason Of Why Cotton Put In Ears And Nose Of Dead Body | मरने के बाद व्यक्ति के कान और नाक में क्यों लगाई जाती है रूई, ये है मुख्य कारण

मरने के बाद शव को ले जाते समय नाक और कानों में रूई लगाई जाती है, रूई लगाने के पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण अलग-अलग है। ऐसा भी कहा जाता है कि मरने के बाद व्यक्ति के शरीर में हवा प्रवेश करती है जिसे रोकने के लिए भी रूई लगाई जाती है, ताकि हवा के प्रवेश करने से मृत व्यक्ति का शरीर भारी न हो जाए।

मरने के बाद शव को ले जाते समय नाक और कानों में रूई लगाई जाती है, रूई लगाने के पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण अलग-अलग है। ऐसा भी कहा जाता है कि मरने के बाद व्यक्ति के शरीर में हवा प्रवेश करती है जिसे रोकने के लिए भी रूई लगाई जाती है, ताकि हवा के प्रवेश करने से मृत व्यक्ति का शरीर भारी न हो जाए।

ये है वैज्ञानिक कारण
वैज्ञानिकों के अनुसार मृत व्यक्ति के शरीर के अंदर कोई बैक्टीरिया न जाए न बाहर आए इसलिए नाक और कान को रूई से बंद कर दिया जाता है। इसके अलावा मरने के बाद व्यक्ति के नाक से एक द्रव निकलता है जिसे रोकने के लिए भी रुई लगाई जाती है।

ये है धार्मिक कारण
इसके पीछे धार्मिक कारण के अनुसार गरुड़ पुराण में लिखा है कि मृत व्यक्ति की आत्मा को शांति देने के लिए मृत शरीर के खुले हुए 9 हिस्‍सों में सोने के टुकड़े (तुस्स) रखे जाते है ऐसे में नाक और कान भी उनमे आते है। इसलिए नाक और कान के छेद ज्यादा बड़े होते है ऐसे में सोने के टुकड़े गिरे न इसलिए उन्हें रूई से बंद कर दिया जाता है।

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मरने के बाद यम के दूत लेने आते हैं, उससे पहले कई आत्माएं शरीर में प्रवेश करने का मार्ग ढूंढती है, ऐसे में प्रवेश होने के सारे मार्ग बंद करने के लिए रूई लगाई जाती है। साथ ही गरुड़ पुराण के अनुसार पहले शरीर के 9 छिद्रों में तुस्स रखे जाते थे हालांकि अब इसकी जगह घी का इस्तेमाल किया जाता है, ऐसे में तुस्स के हिस्सों को गिरने से बचाने के लिए भी ऐसा किया जाता है।
पंडित नरेंद्र शर्मा

मरने के बाद व्यक्ति की सांस बंद हो जाती है इसलिए नाक में रूई लगाई जाती है। साथ ही गले में जमा डिस्चार्ज नाक से बाहर आता है, जिससे बचने के लिए भी नाक में रूई लगाई जाती है।
डॉ. अवधेश गुप्ता, जयपुरिया हॉस्पिटल, सामान्य चिकित्सक

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