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ऊंचाई से देखने पर आपके भी दिमाग में बैठ जाता है डर? मामूली नहीं, इस बीमारी का हो सकता संकेत, जानें लक्षण और निदान

Height Fear: डर सभी को लगता है. आपको भी कभी न कभी जरूर लगा होगा. फिर चाहें वो बादल गरजने से, अंधेरे से या फिर किसी अन्य वजह से. लेकिन जब लगता है तो हम चौंक जाते हैं. ऐसा ही एक डर ऊंचाई से देखने का है. यह डर जब तक सामान्य हो तभी तक ठीक है. क्योंकि, असमान्य होने पर सेहत बिगाड़ देता है. यह इंसान के शारीरिक और मानसिक दोनों पर गहरा असर डाल सकता है. जी हां, इस डर को ‘एक्रोफोबिया’ कहते हैं. साधारण भाषा में इसे हाइटफोबिया भी कहा जाता है. एक्रोफोबिया सबसे आम फोबिया में से एक है. यह 3% से 6% लोगों को देखा जा सकता है. अब सवाल है कि आखिर क्या है एक्रोफोबिया? ऊंचाई पर जाने से क्यों लगता है डर? क्या हैं लक्षण और निदान? आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में-

क्या है एक्रोफोबिया

क्लीवलैंड क्लीनिक की रिपोर्ट के मुताबिक, एक्रोफोबिया एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है. यह बीमारी किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है. इस स्थिति में व्यक्ति को ऊंचाई पर जाने पर डर लगने लगता है. एक्रोफोबिया से पीड़ित व्यक्ति ऊंची जगहों के बारे में सोचकर ही घबरा जा जाता है. ऐसे लोग किसी नदी के पुल भी पहुंचते हैं तो कंपकंपी महसूस करने लगते हैं. इसके अलावा ऐसे लोग सीढ़ियां चढ़ना, बालकनी के पास खड़ा होना या मल्टी-फ़्लोर पार्किंग गैराज में कार पार्क करने में भी घबरा जाते हैं.

एक्रोफोबिया के लक्षण

एक्रोफोबिया का मुख्य लक्षण अत्यधिक चिंता और ऊंचाइयों का डर महसूस करना है.

ऊंचे स्थानों के बारे में सोचते, देखते या वहां होते समय भय और चिंता महसूस करना.

किसी ऊंचे स्थान पर कुछ नकारात्मक घटित होने का मन में विचार लाना.

अगर ऊंचे स्थान से गिर जाएं तो क्या होगा? जैसे सवालों को मन में लाना.

किसी ऊंचे स्थान पर होने पर वहां से फौरन भागने की इच्छा महसूस करना.

ऊंचाई के बारे में सोचते या देखते समय दिल की धड़कन तेज़ हो जाना.

ऊंचाई के बारे में सोचने या देखने पर ही हल्के-फुल्के चक्कर आना.

एक्रोफोबिया का कारण और उपचार

वैसे तो एक्रोफोबिया के सही कारणों का पता नहीं लगाया जा सका है. फिर भी ऊंचाई से गिरना, किसी को ऊंचाई से गिरते देख लेना या आनुवांशिक और पर्यावरणीय इसके कारण हो सकते हैं. वहीं अगर इलाज की बात करें तो बात दें कि वर्तमान में एक्रोफोबिया का कोई इलाज नहीं है, लेकिन मनोवैज्ञानिक चिकित्सा एक्सपोज़र थेरेपी दी जा सकती है. इस थेरेपी को एक्रोफोबिया का प्राथमिक इलाज माना जाता है. ऐहतियात के तौर पर, इस बीमारी से पीड़ितों को फालतू की चीजों को देखने से बचना चाहिए. इसलिए बैठे या लेट समय आसपास की स्थिर वस्तुओं पर नजर रखना चाहिए.

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Tags: Health News, Health tips, Lifestyle

FIRST PUBLISHED : June 12, 2024, 12:44 IST

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