दिव्यांगों की आस्था देख हर कोई भावुक! कहीं आपसे मिस न हो जाए ये नजारा, महाकुंभ में स्नान के लिए दिखा जबरदस्त उत्साह!
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Agency:Local18
Last Updated:February 23, 2025, 13:03 IST
पाली जिले के चिमनपुरा गांव के 51 दिव्यांग श्रद्धालुओं की आस्था और उत्साह को दर्शाता है, जो 144 साल बाद आयोजित महाकुंभ में स्नान के लिए प्रयागराज रवाना हुए। दिव्यांग सेवा संस्थान द्वारा विशेष रूप से आयोजित इस या…और पढ़ें
दिव्यांग महाकुंभ रवाना होते
हेमंत लालवानी/पाली- कहते हैं कि अगर मन में सच्ची आस्था और भगवान की भक्ति का जुनून हो, तो कोई भी बाधा रास्ता नहीं रोक सकती। ऐसा ही नज़ारा राजस्थान के पाली जिले के चिमनपुरा गांव में देखने को मिला, जहां 51 दिव्यांग श्रद्धालुओं का जत्था महाकुंभ में स्नान के लिए प्रयागराज रवाना हुआ। 144 साल बाद आयोजित हो रहे इस भव्य आयोजन में भाग लेने के लिए इन दिव्यांगजनों में जबरदस्त उत्साह देखा गया।
सम्मानित कर भेजा गया प्रयागराज महाकुंभ में हर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने की इच्छा रखता है। यही भावना चिमनपुरा के इन दिव्यांग श्रद्धालुओं में भी थी, जिन्होंने प्रयागराज जाने की अपनी इच्छा जताई। उनकी इस श्रद्धा को देखते हुए दिव्यांग सेवा संस्थान ने विशेष रूप से इस यात्रा का आयोजन किया और पुष्पवर्षा के साथ इन श्रद्धालुओं को विदाई दी।
51 दिव्यांगजन का जत्था हुआ रवानाचिमनपुरा से प्रयागराज के लिए निकले 51 दिव्यांग श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक था। यह यात्रा दिव्यांग सेवा संस्थान द्वारा आयोजित की गई, जिसमें श्रद्धालुओं को बड़े सम्मान के साथ विदा किया गया। संस्थान के संस्थापक झालाराम देवासी जोयला ने बताया कि मानव सेवा आश्रम चिमनपुरा से संत भंवर गिरी महाराज मांडा ने इस विशेष बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
पुष्पवर्षा के साथ दी गई विदाईयात्रा की शुरुआत मानव सेवा आश्रम से नयागांव तक वाहनों के काफिले के साथ हुई। जगह-जगह श्रद्धालुओं का फूलों से स्वागत किया गया, जिससे उनकी खुशी और आस्था और भी बढ़ गई। इस यात्रा का उद्देश्य केवल महाकुंभ में स्नान करना नहीं, बल्कि सेवा, धर्म, राष्ट्रवाद और समाज में दिव्यांगों की समानता के संकल्प को मजबूत करना भी है।
दिव्यांगों की आस्था को सलामलंबे समय से इन दिव्यांगजनों की इच्छा थी कि वे महाकुंभ जैसे ऐतिहासिक और भव्य आयोजन में शामिल हों और आस्था की डुबकी लगाएं। उनकी यह इच्छा पूरी करने के लिए दिव्यांग सेवा संस्थान ने यह पहल की, जिससे वे बिना किसी बाधा के अपनी श्रद्धा को साकार कर सकें। इस यात्रा ने यह साबित कर दिया कि सच्ची आस्था और समर्पण के आगे कोई भी मुश्किल मायने नहीं रखती।
First Published :
February 23, 2025, 13:03 IST
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दिव्यांगों की आस्था देख हर कोई भावुक! कहीं आपसे मिस न हो जाए ये नजारा !